स्विट्जरलैंड को मात देती हैं श्रीनगर की ये चार खूबसूरत तस्‍वीरें, आनंद महिंद्रा ने शेयर कर लिखा शानदार कैप्‍शन

कश्‍मीर की बेमिसाल खूबसूरती एक बार फिर चर्चा में है। महिंद्रा ग्रुप के चेयरमैन आनंद महिंद्रा ने बर्फ से ढके श्रीनगर की कुछ तस्‍वीरें सोशल मीडिया पर शेयर की हैं और साथ ही स्विट्जरलैंड का जिक्र करते हुए खूबसूरत संदेश भी लिखा।

स्विट्जरलैंड को मात देती हैं श्रीनगर की ये चार खूबसूरत तस्‍वीरें, आनंद महिंद्रा ने शेयर कर लिखा शानदार कैप्‍शन
स्विट्जरलैंड को मात देती हैं श्रीनगर की ये चार खूबसूरत तस्‍वीरें, आनंद महिंद्रा ने शेयर कर लिखा शानदार कैप्‍शन  |  तस्वीर साभार: Twitter

Kashmir Snowfall Pic: कश्‍मीर की तुलना अक्‍सर अद्वितीय प्राकृतिक एवं नैसर्गिक सौन्दर्य वाले स्विट्जरलैंड से की जाती है, जिसे 'यूरोप का स्वर्ग' भी कहा जाता है। वहीं भारत में कश्‍मीर में अक्‍सर 'भारत का स्विट्जरलैंड' और यहां का 'स्वर्ग' कहा जाता है। यहां की प्राकृतिक छटा बर्फबारी के दौरान और भी मनोरम हो जाती है, जिसका खूबसूरत नजारा देखते ही बनता है। कश्‍मीर की यही खूबसूरती पर्यटकों को यहां तक खींचकर लाती है।

कश्‍मीर की इस खूबसूरती के मुरीदों में महिंद्रा ग्रुप के चेयरमैन आनंद महिंद्रा भी शामिल हैं, जिन्‍होंने श्रीनगर की चार खूबसूरत तस्‍वीरें ट्विटर पर शेयर करते हुए शानदार कैप्‍शन लिखा। बर्फ की सफेद चादर और हल्‍की नीलिमा वाली खूबसूरत तस्‍वीरों के साथ उन्‍होंने लिखा, 'हैलो श्रीनगर, गुडबाय स्विट्जरलैंड।'

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उनका यह ट्वीट कश्‍मीर की खूबसूरती को तो बयां करता ही है, बड़ा संदेश भी देता है। उनके कैप्‍शन से साफ है कि लोग अगर कश्मीर की खूबसूरती देखेंगे तो स्विट्जरलैंड की प्राकृतिक छटा को भूल जाएंगे। सोशल मीडिया पर उनका यह ट्वीट खूब वायरल हो रहा है और यूजर्स तस्‍वीरों के जरिये कश्‍मीर की खूबसूरती को निहार रहे हैं।

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आनंद महिंद्रा के इस ट्वीट के बाद सोशल मीडिया पर कई यूजर्स ने भारत के विभिन्‍न हिस्‍सों की खूबसूरत तस्‍वीरों को शेयर किया है तो कुछ का यह भी मानना है कि आनंद महिंद्रा जैसी शख्सियत जब इस तरह के फोटो और संदेश शेयर करते हैं और इससे वहां पर्यटन को बढ़ावा जरूर मिलेगा। 

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यहां गौर हो कि कश्मीर घाटी इन दिनों भीषण सर्दी की चपेट में है और इस बीच यहां खूब बर्फबारी हो रही है। कश्‍मीर में 40 दिनों का सबसे सर्द मौसम 21 दिसंबर से शुरू होता है, जो 'चिल्लाई कलां' के नाम से जाना जाता है। इस दौरान पूरे इलाके में तापमान शून्‍य से कई डिग्री सेल्सियस नीचे चला जाता है और मशहूर डल झील समेत कई जगह पानी के स्रोत जम जाते हैं। 'चिल्लाई कलां' वाली यह अवधि 31 जनवरी को खत्म होती है।

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