नई दिल्ली: कोरोना वायरस के कहर की वजह से लोग चीजों को छूने लेकर बेहद सावधानी बरत रहे हैं। लोग कोरोना के संक्रमण को लेकर काफी फिक्रमंद हैं। ऐसे में लोगों के जहन में सवाल उठ रहा है कि क्या बैंक नोटों के लेन-देन से भी कोरोना संक्रमण का खतरा हो सकता है? सोशल मीडिया पर कई तरह की जानकारियां वायरल हो रही हैं कि पैसों के लेन-देन से बचें क्योंकि इससे कोरोना फैल सकता है। दरअसल, ऐसी जानकारियां भ्रामक हैं जो लोगों के मन में डर पैदा कर रही हैं। नोटों के प्रबंधन से जुड़ी नियामक संस्था करंसी साइकल असोसिएशन (सीसीए) ने स्पष्ट किया है कि बैंक नोटों से कोरोना फैलने का खतरा नहीं है।
'सेनिटाइजर का इस्तेमाल करने के निर्देश'
सीसीए की ओर से मंगलवार को जारी बयान में कहा गया है, 'बैंकिंग इंडस्ट्री में चल रही कुछ अडवाइजरी में कहा जा रहा है कि बैंकों के नोट के जरिए कोरोना वायरस के संक्रमण का खतरा है। लेकिन सीसीए स्पष्ट करता है कि नोटों के प्रबंधन के संबंध में विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के मानकों के हिसाब से यह दावा गलत है। बैंक करंसी से कोरोना संक्रमण नहीं फैलता है।' सीसीए ने बयान में कहा है कि कैश अधिकारियों को नोटों की लेन-देन और एटीएम में इसके प्रबंधन के दौरान सेनिटाइजर का इस्तेमाल करने के निर्देश हैं। इतना ही नहीं एटीएम के अंदर कैश लोड करने के बाद उनके कीपैड को भी सैनिटाइज किया जाता है, ऐसे में कोरोना वायरस का खतरा नहीं है।
रिस्क से बचने के लिए डब्ल्यूएचओ की सलाह
डब्ल्यूएचओ ने अपनी गाइडलाइंस में कोरोना वायरस के फैलाव के रिस्क से बचने के लिए कॉन्टेक्टलैस भुगतान की सलाह दी है। हालांकि, डब्ल्यूएचओ ने इस बात की पुष्टि नहीं की है कि कैश लेन-देन से कोरोना वायरस फैल सकता है। वहीं, पुराने नोटों के इस्तेमाल को लेकर डब्ल्यूएचओ का कहना है कि अगर आप संक्रमित कैश के संपर्क में आते हैं तो उसकी लेन-देन के बाद अपने हाथ धोकर संक्रमण की संभावना को टाला जा सकता है। ऐसे में एहतियात के तौर पर नोटों के इस्तेमाल से पहले हाथों को सेनिटाइज भी कर सकते हैं।