नई दिल्ली: दुनिया के कुछ देशों में अभी भी अक्षम्य अपराध करने वाले लोगों और हत्यारों को सरेआम मौत की सजा देने की प्रथा चली आ रही है। यमन में भी कुछ ऐसा ही हुआ है जहां बच्चियों के हत्यारों को सरेआम चौराहे पर सजा दी गई और वो भी मौत की। राजधानी सना में बच्चों के हत्यारों इस तरह खौफनाक सजा दी गई वहां मौजूद भीड़ भी खौफजदा थी। अली अल-नामी, अब्दुल्ला अल-मखली और मोहम्मद अरमान नाम के आरोपियों को नीले रंग की जेल जंपसूट में सना के तहरीर स्क्वायर ले जाया गया था।
सरेआम दी मौत की सजा
इसके बाद तीनों को हरे रंग की सेना की पोशाक और काले दस्ताने में वहां मौजूद एक जल्लाद ने लोगों के आमने-सामने लेटने के लिए मजबूर किया। इसके बाद जल्लाद ने तीनों को लाल कालीन पर जमीन पर पेट के बल लिटाया और उनके पीठ पर एके-47 से गोलियों की बौछार कर दी। जल्द ही सोशल मीडिया पर इसकी तस्वीरें भी वायरल हो गई। एक सुरक्षा गार्ड को वहां मुस्कुराते हुए देखा जा सकता है क्योंकि जल्लाद ने सैकड़ों दर्शकों के सामने एक एक कर कैदियों की पीठ पर एके -47 सटाई और गोलियों से भून दिया।
तस्वीरों में साफ नजर आ रहा है कि लोग घटना का वीडियो बना रहे हैं। मौत के बाद तीनों का शवर कालीन में लपेटकर कहीं अन्य ले जाया गया। आपको बता दें कि युद्ध के कारण यमन में 130,000 से अधिक लोगों की जान जा चुकी है और दुनिया के सबसे खराब मानवीय संकट को जन्म दिया। ईरान समर्थित विद्रोहियों ने अपने उत्तर के अधिकांश इलाके को अपने कब्जे में ले लिया है।
2018 में क्रेन से लटका दिए थे शव
अगस्त 2018 के बाद से यह सना का पहली सार्वजनिक मौत की सजा थी, तब एक बच्चे के साथ बलात्कार और हत्या के आरोपी ईरान समर्थित विद्रोहियों ने तीन लोगों को गोली मार दी थी और उनके शरीर को क्रेन से लटका दिया था। यमन 2014 से गृहयुद्ध में उलझा हुआ है, जब हूती विद्रोहियों ने उत्तर के अधिकांश हिस्सों में प्रवेश कर राजधानी पर कब्जा कर लिया था, जिसके बाद देश की सऊदी समर्थित सरकार को निर्वासन के लिए मजबूर होना पड़ा।