अक्सर आप भांग, गांजा और चरस के बारे में सुनते रहते हैं। मीडिया में भी इसकी खबरें छपती रहती है। लेकिन, क्या आपने कभी सोचा है कि एक ही पौधे से आने वाले गांजा, भांग और चरस में क्या अंतर है? हो सकता है आप में से कुछ लोगों को इसके बारे में जानकारी हो, जबकि कुछ लोगों को इसके बारे में मालूम ना हो। तो आज हम आपको बताते हैं एक ही पौधे से आने वाले इन तीन चीजों में क्या अंतर है?
दरअसल, भारत में उगने वाले Cannabis यानी भांग के पौधे का साइंटिफिक नाम कैनबिस इंडिका है। अक्सर लोग इसे भांग या गांजा का पौधा कहते हैं। इस पौधे की सूखी कलियां को गांजा कहा जाता है, जो कि संस्कृत का शब्द है। इन्हीं सूखी कलियों को लोग चिलम या सिगरेट में भरकर पीते हैं। हालांकि, गांजे को अंग्रेजी में Weed और Pot नामों से भी जाना जाता है। वहीं, भांग के फूलों को हाथ पर रगड़ने से जो काली परत जम जाती है, उसे चरस कहा जाता है।
एक पौधा...तीन आइटम
भारत, नेपाल, लेबनान और पाकिस्तान जैसे देशों में हाथ से रगड़ कर ही चरस या हशीश तैयार किया जाता है। ऐसा कहा जाता है कि फूलों को रगड़ने की स्पीड जितनी कम होगी चरस की गुणवत्ता उतनी ही जबरदस्त होती है। वहीं, पत्तियों को भांग कहा जाता है। पिसी हुई पत्तियों को जब किसी चीज में मिला दिया जाता है तो वह भांग कहलाता है। ठंडाई में भांग की पत्ती को मिलाया जाता है। इसके अलावा जलेबी, हलवा और पकौड़े में भी मांग का इस्तेमाल किया जाता है। आपको बता दें कि कई तरह की दवाइयों में भी भांग के पौधे का इस्तेमाल किया जाता है। हालांकि, कई देशों में इस पर प्रतिबंध लगा हुआ है। जबकि, कई देशों में भांग पर से प्रतिबंध हटा दिया गया है। तो आज आपको समझ में आ गया होगा कि एक ही पौधे से निकलने वाले भांग, गांजा और चरस में क्या अतंर है?