Do You Know: यहां दिवाली पर होती है कुत्तों की पूजा! जानें क्या होता है 'कुकुर तिहार'?

भारत समेत कई देशों में दिवाली मनाई जाती है। हालांकि, सब जगह इसे अलग-अलग नामों और अलग अंदाज में मनाया जाता है। लेकिन, नेपाल में इस त्यौहार से जुड़ी परंपरा थोड़ा अलग है। क्योंकि, नेपाल में इसे 'तिहार' कहा जाता है।

Diwali 2021 Dogs are worshipped on Diwali in Nepal Know about weird tradition
दिवाली पर कुत्तों की पूजा... 
मुख्य बातें
  • दिवाली पर नेपाल में अजीबोगरीब परंपरा
  • 'कुकुर तिहार' पर होती है कुत्तों की पूजा
  • कुकुर तिहार पर कुत्तों की होती है मौज

देश और दुनिया में अजीबोगरीब परंपराओं की कमी नहीं है। कई बार तो इनके बारे में जानकर और सुनकर काफी हैरानी भी होती है। जबकि, कई बार यकीन करना मुश्किल हो जाता है। तभी तो जहां दिवाली पर लोग लक्ष्मी-गणेश की पूजा करते हैं, दीये जलाते हैं। वहीं, पड़ोसी देश नेपाल में दिवाली पर कुत्तों की 'पूजा' की जाती है। ये बात सुनकर भले ही आपको हैरानी हो रही होगी, लेकिन यह सच है। ये परंपरा सदियों से चली आ रही है। तो आइए, जानते हैं इस परंपरा के बारे में कुछ दिलचस्प बातें...

भारत समेत कई देशों में दिवाली मनाई जाती है। हालांकि, सब जगह इसे अलग-अलग नामों और अलग अंदाज में मनाया जाता है। लेकिन, नेपाल में इस त्यौहार से जुड़ी परंपरा थोड़ा अलग है। क्योंकि, नेपाल में इसे 'तिहार' कहा जाता है। यहां के लोग भी दीये जलाते हैं, पूजा करते हैं। लेकिन, तिहार के ठीक अगले दिन नेपाल में 'कुकुर तिहार'  मनाया जाता है। इसमें लोग कुत्तों की पूजा करते हैं। लोग कुत्तों को माला पहनाते हैं, तिलक लगाते हैं। साथ ही कुत्तों के लिए खास पकवान भी बनाते हैं। कई जगहों पर दावत में कुत्तों को अंडा-दूध और दही दी जाती है। 

कुकुर तिहार पर कुत्तों की मौज...

अब आपके मन में ये सवाल उठ रहा होगा कि आखिर लोग 'कुकुर तिहार' क्यों मनाते हैं? ये तो हम सब जानते हैं कि कुकुर का मतबल कुत्ता होता है और इसे यम देवता का संदेशवाहक माना जाता है। लिहाजा, लोग कुत्तों की पूजा इसलिए करते हैं कि वे हमेशा उनके साथ रहें। यहां के लोगों का मानना है कि मरने के बाद भी कुत्ता अपने मालिक की रक्षा करता है। लिहाजा, 'कुकुर तिहार' पर लोग कुत्तों की पूजा कर उसे खुश करते हैं ताकि वो उनकी रक्षा करते रहे। 

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