नई दिल्ली: आज पूरी दुनिया में 'अर्थ डे' यानी पृथ्वी दिवस मनाया जा रहा है। सबसे पहले अर्थ डे' साल 1970 में मनाया गया था। 'अर्थ डे' के मौके पर पर्यावरण संरक्षण के बारे में लोगों को जागरूक किया जाता है। साथ ही लोग पर्यावरण को बेहतर बनाने का संकल्प भी लेते हैं। दुनियाभर में पर्यावरण संरक्षण को समर्थन देने के लिए हर साल 22 अप्रैल को 'अर्थ डे' मनाया जाता है। हर साल इस दिवस को मनाने के लिए एक विशेष थीम होती है। इस बार 'अर्थ डे' 2020 के लिए थीम क्लाइमेट एक्शन (जलवायु कार्रवाई) है। जलवायु परिवर्तन पिछले कई दशकों में दुनिया में एक बड़ी मसला बनकर उभरा है।
कैसे हुई 'अर्थ डे' की शुरुआत?
'अर्थ डे' की शुरुआत अमेरिकी सीनेटर गेलोर्ड नेल्सन ने पर्यावरण संरक्षण को समर्थन देने के लिए थी। सबसे पहले 'अर्थ डे' 22 अप्रैल 1970 को मनाया गया था। दरअसल, साल 1969 में कैलिफोर्निया के सांता बारबरा में तेल रिसाव की भारी बर्बादी को देखने के बाद नेल्सन इतने आहत हुए कि उन्होंने पर्यावरण संरक्षण को लेकर कुछ करने का फैसला किया।
साल 1970 में 22 जनवरी को समुद्र में तीन मिलियन गैलेन तेल बहते हुए पहुंचा था, जिसकी वजह से 10,000 से ज्यादा सी-बर्ड, डाल्फिन, सील और सी-लायंस मारे गए थे। इसके बाद नेल्सन के आह्वाहन पर 22 अप्रैल 1970 को लगभग दो करोड़ अमेरिकी लोगों ने 'अर्थ डे' के पहले आयोजन में हिस्सा लिया था। इस आयोजन में भाग लेने के लिए हर समाज, वर्ग और क्षेत्र से लोग सामने आए थे। दुनिया में अब 'अर्थ डे' लगभग 195 से ज्यादा देशों में मनाया जाता है।
'अर्थ डे' शब्द कहां से आया?
सबसे पहले 'अर्थ डे' शब्द को लोगों के बीच लाने वाले जुलियन कोनिंग थे। उन्होंने साल 1969 में दुनिया को इस शब्द से अवगत कराया था। पर्यावरण संरक्षण से जुड़े इस आन्दोलन को मनाने के लिए उन्होंने अपने जन्मदिन की तारीख 22 अप्रैल को चुना। गौरतलब है कि इस वक्त कोरोना वायरस ने दुनिया को अपनी चपेट में ले रखा है। लोग कोरोना के चलते घरों में रहने के लिए मजबूर हैं। इस परेशानी को देखते हुए आयोजकों का कहना है कि लोग घरों में रहते हुए ही डिजिटल तरीके से अर्थ डे को मनाएं औरऑनलाइन रैली करें।