भारतीय समाज में बेटे के लिए लोग क्या-क्या नहीं करते हैं। अधिकांश लोग बेटियों की तुलना में बेटे को जन्म पर ज्यादा खुशियों मनाते हैं। उसे बुढ़ापा का सहारा मानते हैं। लेकिन जब पुत्र कुपुत्र हो जाए तो निराशा होती है। मध्यप्रदेश के छिंदवाड़ा में एक किसान के साथ ऐसा ही हुआ। चौरई ब्लॉक केक बाड़ी बड़ा गांव निवासी किसान ओम नारायण वर्मा (50) अपने बेटे के व्यवहार से नाराज था। नाराजगी इस कदर बढ़ गई कि उसने अपनी संपत्ति का आधा हिस्सा अपने वाफादर कुत्ते के नाम कर दिया।
बेटे से नाराज होने के बाद उसने वसीयत तैयार कराई। किसान के पास कुल 18 एकड़ जमीन है। उसने आधा हिस्सा अपनी दूसरी पत्नी चंपा के नाम कर दिया और बाकी आधी जमीन पालतू कुत्ते के नाम लिख दिया। किसान के कुत्ते का नाम जैकी है। किसान ने कानूनी शपथ पत्र बनाकर अपने कुत्ते को वारिस घोषित किया।
किसान ने अपनी वसीयत में लिखा कि 'मेरी सेवा मेरी पत्नी और मेरा पालतू कुत्ता करता है, वे मेरे सबसे प्रिय हैं। मेरे मरने के बाद मेरी पूरी संपत्ति और जमीन-जायदाद के हकदार पत्नी चंपा वर्मा और पालतू कुत्ता जैकी होंगे। इसके साथ ही उन्होंने लिखा कि कुत्ते की सेवा करने वाले को संपत्ति का अगला वारिस माना जाएगा। 11 महीने का कुत्ता जैकी हमेशा किसान के साथ रहता है।
ओम नारायण वर्मा ने की दो पत्नियां हैं। पहली पत्नी धनवंती वर्मा है, जिससे ओम वर्मा को तीन बेटियां और एक बेटा है, जबकि दूसरी पत्नी चंपा वर्मा है, जिससे दो बेटियां हैं।