नई दिल्ली : कहते हैं कि लगन और हौसला हो तो कोई भी लक्ष्य दूर नहीं होता। इस बात को चरितार्थ किया है केरल के 28 साल के रनजीत रामंचद्रन। नाइट गार्ड की नौकरी करने वाले रनजीत आईआईएम रांची में असिस्टेंट प्रोफेरसर बने हैं। सफलता की उनकी यह यात्रा लोगों के लिए प्रेरणा की स्रोत बनी है। उन्होंने अपने फेसबुक पोस्ट पर अपने छोटे से घर की एक तस्वीर शेयर करते हुए लिखा है कि 'आईआईएम के प्रोफेसर का जन्म यहां हुआ।' पोस्ट में प्लास्टिक और ईंट से बना ये छोटा सा घर किसी झुग्गी की तरह दिख रहा है।
मलयालम में लिखा गया रनजीत का पोस्ट इस प्रकार है
'इस घर में मेरा जन्म हुआ। मैं यहा बड़ा हुआ। मुझे यह कहने में बहुत प्रसन्नता हो रही है कि इस घर ने इंडियन इस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट का एक असिस्टेंट प्रोफेसर पैदा किया है। मैं इस छोटे से घर से आईआईएम रांची की अपनी यात्रा की कहानी सुनाना चाहता हूं। मेरी इस यात्रा से यदि एक व्यक्ति भी प्रेरित होता है तो मैं बहुत ज्यादा खुशी महसूस करूंगा।'
उन्होंने आगे लिखा है, 'मैंने विशिष्ट ग्रेड के साथ 12वीं की परीक्षा पास की लेकिन परिस्थितियां मेरे पक्ष में नहीं थीं। मैंने अपनी पढ़ाई बीच में छोड़ने की सोची लेकिन भाग्य ने मेरा साथ दिया। मुझे पनाथुर के टेलिफोन एक्सचेंज में नाइट वाचमैन का काम मिल गया। मैं दिन के समय छात्र और रात के समय वाचमैन था। मुझे बनाने वाला कोई नहीं है। कोई मेरा मार्गदर्शन करने वाला नहीं था। मैं बस यूं ही आगे बढ़ता गया। लेकिन जीवन की प्रत्येक विपरीत परिस्थिति से मुझे सीख मिली। पॉयस कॉलेज ने बताया कि कैसे एक अच्छा वक्ता बना जा सकता है। केरल की सेंट्रल यूनवर्सिटी ने बताया कि कासरगोड के बाहर भी एक दुनिया है। मुझे आईआईटी मद्रास जाने का मौका मिला लेकिन यहां मैंने खुद को यहां अलग-थलग पाया। मुझे संदेह और भ्रम था। मुझे डर लग रहा था कि मैं यहां के वातावरण में खुद को ढाल नहीं पाऊंगा। मेरी अंग्रेजी अच्छी नहीं थी। इसे देखते हुए मैंने पीएचडी छोड़ने की बात सोची लेकिन मेरे गाइड डॉक्टर सुभाष ने लड़ाई बीच में छोड़ने से मना किया। डॉ. सुभाष की बातों ने मुझे प्रेरित किया। '
पोस्ट को 37,000 से ज्यादा मिले लाइक
रनजीत ने फेसबुक पर अपना पोस्ट 9 अप्रैल को किया। इसके बाद यह पोस्ट वायरल हुआ है और इसे 37,000 से ज्यादा लाइक मिल चुके हैं। रनजीत की इस सफलता पर केरल के वित्त मंत्री टीएम थॉमस इसाक ने उन्हें बधाई दी है। उन्होंने रनजीत को सभी के लिए प्रेरणास्रोत बताया। रनजीत कासरगोड के पनाथुर स्थित बीएसएनल के टेलिफोन एक्सचेंज में नाइट वाचमैन के रूप में काम करते थे। उन्होंने जिले के पायस Xth कॉलेज से अर्थशास्त्र में ग्रेजुएशन की डिग्री हासिल की। रनजीत ने बताया कि वह दिन के समय कॉलेज जाते थे और रात के समय एक्सचेंज में काम करते थे।
लोग अपने सपनों को पूरा काम करने के लिए काम करें
मीडिया के साथ बातचीत में उन्होंने कहा, 'मैंने कभी नहीं सोचा कि यह पोस्ट वायरल होगा। मैंने अपने जीवन की कहना लिखी ताकि यह कुछ और लोगों को प्रेरित करे। मैं चाहता हूं कि सभी लोग सपने देखें और उसे पूरा करने के लिए मेहनत करें। मैं चाहता हूं कि इस पोस्ट से लोग प्रेरित हों और उन्हें सफलता मिले।' अपनी पोस्ट में रामचंद्रन ने लिखा है कि आर्थिक तंगहाली के चलते उन्होंने करीब-करीब अपनी स्कूलिंग छोड़ दी थी। उनके पिता एक टेलर और मां मनरेगा में मजदूरी काम काम करती थीं।