नई दिल्ली : एक महिला को अपने ब्रेस्ट कैंसर के बारे में अपने पालतू कुत्तों के जरिए पता चला। वह अपने पालतू जर्मन शेफर्ड कुत्ते की शुक्रगुजार है जिसके कारण उसे अपने ब्रेस्ट कैंसर के बारे में पता चला और उसकी जान बच पाई। चौकाने वाली ये खबर यूके के वेल्स शहर की है। 65 वर्षीय लिंडा मुंकले के मुताबिक अचानक से कुछ समय से उसके पालतू कुत्ते उसके साथ अजीबोगरीब व्यवहार करने लगे थे जिसके बाद उसने अपने ब्रेस्ट की जांच की जिसमें पता चला कि उन्हें स्तन कैंसर है।
उसने बताया कि उसके पास चार जर्मन शेफर्ड कुत्ते हैं। इनमें 5 साल का कुत्ता बी और उसकी 3 साल की बेटी एन्या है। लिंडा ने बताया कि एक दिन वह अपने घर पर सोफे पर बैठी थी उसी समय बी उसके पास आया और उछल कर उसकी गोद में बैठ गया। इसके बाद उसने बड़े गौर से मेरे शरीर को सूंघना शुरू कर दिया उसने मेरे ब्रेस्ट पर दो तीन बार अपने सिर से मारा। इस तरह से वह मेरी तरफ कुछ इशारा करने की कोशिश कर रहा था।
करने लगा अजीबोगरीब व्यवहार
उसने पहले कभी मेरे साथ ऐसा व्यवहार नहीं किया था। ये मेरे लिए बिल्कुल नया था लेकिन फिर भी मैंने शुरुआत में उसकी तरफ कोई ध्यान नहीं दिया। उसने बताया कि इसके बाद करीब 2 महीनों तक लगातार उसका कुत्ता उसके साथ ऐसा ही व्यवहार करने लगा। वह हर रोज उसके पास आता था, उसे सूंघता था फिर उसके सीने पर अपना सिर मारने लगता था। दो महीने के बाद उसे उसे उसकी ये हरकतें परेशान करने लगी इसके बाद उसने अनजाने में एक बार अपने ब्रेस्ट की जांच की जिसके बाद उसके पैरों तले जमीन खिसक गई। उसे अपने ब्रेस्ट में गांठों के बारे में पता चला जो ब्रेस्ट कैंसर की तरफ इशारा कर रहा था।
जांच में निकला ब्रेस्ट कैंसर
इसके बाद वह डॉक्टर के पास चेकअप कराने गई जहां पर उसे कई बातें पता चली। जांच में सामने आया कि उसे ब्रेस्ट कैंसर है। उसके एक स्तन में एक छोटे आकार का गांठ बनना शुरू हो गया है और वह तेजी से बढ़ रहा है। यह इतना खतरनाक था कि वह तेजी से ब्रेस्ट के पास के दूसरे हिस्सों में भी फैलना शुरू हो गया था। जांच के बाद बी की बेटी एन्या भी लिंडा के साथ ऐसा ही व्यवहार करने लगी थी। अब लिंडा ने अपने ब्रेस्ट कैंसर का सफलतापूर्वक इलाज करा लिया है।
डॉक्टरों ने भी जताया आश्चर्य
उसका मानना है कि आज अगर उसकी जान बची है तो उसका श्रेय उसके पालतू कुत्तों को जाता है। उसने बताया कि उसके तीसरे कीमोथेरेपी के बाद कुत्तों ने इस तरह का व्यवहार करना बंद कर दिया। उसने जब डॉक्टरों को इस बारे में बताया कि डॉक्टर भी चौंक गए कि क्या कभी कुत्ते कैंसर को भी डिटेक्ट कर सकते हैं। डॉक्टरों ने बताया कि उन्हें अपने कुत्तों को थैंक्स कहना चाहिए क्योंकि उनकी वजह से उसकी जान बची थी। उसने बताया कि वह अपने कुत्तों को लेकर कितनी थैंकफुल महसूस कर रही है उसे शब्दों में बयां नहीं कर सकती है।
आपको बता दें कि मेडिकल साइंस के मुताबिक कुत्ते सूंघकर कुछ बीमारियों के बारे में पता लगा सकते हैं। कैंसर मरीजों के शरीर से कुछ अलग प्रकार की गंध निकलती है जिसे सूंघने की क्षमता कुत्तों में होती है।