'खूब लड़ी मर्दानी...', लिखने वाली कवयित्री Subhadra Kumari Chauhan को जयंती पर Google ने यूं किया याद

'खूब लड़ी मर्दानी वो तो झांसी वाली रानी थी' जैसी जोश भर देने वाली कविता लिखने वाली कवयित्री सुभद्रा कुमारी चौहान को गूगल ने उनकी 117वीं जयंती पर डूडल बनाकर श्रद्धांजलि दी है।

'खूब लड़ी मर्दानी...', लिखने वाली कवयित्री Subhadra Kumari Chauhan को जयंती पर Google ने यूं किया याद
'खूब लड़ी मर्दानी...', लिखने वाली कवयित्री Subhadra Kumari Chauhan को जयंती पर Google ने यूं किया याद 

नई दिल्ली : गूगल ने सोमवार को स्वतंत्रता सेनानी और कवयित्री सुभद्रा कुमारी चौहान के 117वें जन्मदिन पर अपने होमपेज पर डूडल बनाकर उन्हें श्रद्धांजलि दी। न्यूजीलैंड में रहने वाली कलाकार प्रभा माल्या द्वारा बनाए गए इस डूडल में सुभद्रा कुमार चौहान को साड़ी पहने और कागज, कलम लिए हुए दिखाया गया है।

इसकी पृष्ठभूमि में एक तरफ कवयित्री की प्रसिद्ध कविता 'झांसी की रानी' का चित्रण है जो हिंदी साहित्य में महत्वपूर्ण स्थान रखती है। वहीं दूसरी तरफ स्वतंत्रता सेनानियों की झलक है। गूगल ने एक बयान में चौहान को 'मार्गदर्शक लेखिका और स्वतंत्रता सेनानी' की संज्ञा दी है जो 'साहित्य में पुरुषों के प्रभुत्व वाले दौर में राष्ट्रीय स्तर तक उभरीं।'

9 साल में प्रकाशित हो गई थी पहली कविता

सुभद्रा कुमारी चौहान का जन्म उत्तर प्रदेश के इलाहाबाद (अब प्रयागराज) में निहालपुर गांव में 1904 में आज के दिन हुआ था। गूगल ने लिखा है, 'उन्हें निरंतर लिखते रहने के लिए और यहां तक कि स्कूल जाते समय तांगे पर बैठे-बैठे भी लिखते रहने के लिए जाना जाता है। उनकी पहली कविता केवल नौ साल की उम्र में प्रकाशित हो गई थी।'

उनकी कविताओं में मुख्य रूप से भारतीय महिलाओं की 'लैंगिक और जातीय भेदभाव' जैसी कठिनाइयों पर ध्यान केंद्रित रहता था। चौहान ने स्वतंत्रता संघर्ष में अपने योगदान के तहत क्रांतिकारी भाषण दिए और उनकी कुल 88 कविताएं तथा 46 लघु कथाएं प्रकाशित हुईं।

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