Rabindranath Tagore Quotes: गुरुदेव रबीन्द्रनाथ टैगोर की पुण्यतिथि पे कुछ खास प्रेरणादायक संदेशों पर एक नजर

Rabindranath Tagore Motivational Quotes: रबीन्द्रनाथ टैगोर विश्वविख्यात कवि, साहित्यकार, दार्शनिक और भारतीय साहित्य के नोबल पुरस्कार विजेता हैं उन्हें गुरुदेव के नाम से भी जाना जाता है आज उनकी पुण्यतिथि है।

Gurudev Rabindranath Tagore's death anniversary today a look at his special poems and quotes
Rabindranath Tagore death anniversary 

Rabindranath Tagore Quotes: गुरुदेव रबीन्द्रनाथ टैगोर विश्वविख्यात कवि, साहित्यकार, दार्शनिक और भारतीय साहित्य के नोबल पुरस्कार विजेता हैं, उन्हें गुरुदेव के नाम से भी जाना जाता है। बांग्ला साहित्य के माध्यम से भारतीय सांस्कृतिक चेतना में नयी जान फूँकने वाले युगदृष्टा थे। वे एशिया के प्रथम नोबेल पुरस्कार सम्मानित व्यक्ति हैं। वे एकमात्र कवि हैं जिसकी दो रचनाएँ दो देशों का राष्ट्रगान बनीं-भारत का राष्ट्र-गान 'जन गण मन' और बाँग्लादेश का राष्ट्रीय गान 'आमार सोनार बाँग्ला' गुरुदेव की ही रचनाएँ हैं।

टैगोर ने अपने जीवनकाल में कई उपन्यास, निबंध, लघु कथाएँ, यात्रावृन्त, नाटक और हजारों गाने भी लिखे हैं। रबीन्द्रनाथ टैगोर ज्यादातरअपनी पद्य कविताओं के लिए जाने जाते हैं।

रबीन्द्रनाथ टैगोर के कई प्रेरणादायक संदेश हैं उनपर एक निगाह-

  1. यदि आप सभी त्रुटियों के लिए दरवाजा बंद कर दोगे तो सच अपने आप बाहर बंद हो जाएगा
  2. खुश रहना बहुत सरल है,लेकिन सरल होना बहुत मुश्किल है
  3. मिट्टी के बंधन से मुक्ति पेड़ के लिए आजादी नहीं है।
  4. सच्चा प्रेम स्वतंत्रता देता है, अधिकार का दावा नहीं करता
  5. जो मन की पीड़ा को स्पष्ट रूप में कह नहीं सकता, उसी को क्रोध अधिक आता है
  6. जिस तरह घोंसला सोती हुई चिड़िया को आश्रय देता है उसी तरह मौन तुम्हारी वाणी को आश्रय देता है
  7. दोस्ती की गहराई परिचित की लंबाई पर निर्भर नहीं करती
  8. संगीत दो आत्माओं के बीच अनंत भरता है
  9. हर बच्चा इसी संदेश के साथ इस दुनिया में आता है कि भगवान अभी तक मनुष्यों से हतोत्साहित नहीं हुआ है
  10. फूल जो अकेला है, कांटों से ईर्ष्या न करे, जो कि गिनती में अधिक हैं
  11. सिर्फ नदी किनारे खड़े होकर पानी देखने से आप नदी पार नहीं कर सकते
  12. मौत प्रकाश को खत्म करना नहीं है, ये सिर्फ दीपक को बुझाना है, क्योंकि सुबह हो गई है
  13. जो अपना है, वह मिलकर ही रहेगा
  14.  सच्चा प्रेम स्वतंत्रता देता है, अधिकार का दावा नहीं करता
  15. जब हम विनम्रता में महान होते हैं, तभी हम महानता के सबसे करीब होते हैं
  16. बर्तन में रखा पानी चमकता है, समुद्र का पानी अस्पष्ट प्रतीत होता है, लघु सत्य स्पष्ट शब्दों से बताया जा सकता है, पर महान सत्य मौन रहता है

टैगोर ने करीब 2,230 गीतों की रचना की। रवींद्र संगीत बाँग्ला संस्कृति का अभिन्न अंग है। टैगोर के संगीत को उनके साहित्य से अलग नहीं किया जा सकता। उनकी अधिकतर रचनाएँ तो अब उनके गीतों में शामिल हो चुकी हैं, रबींद्रनाथ टैगोर का निधन 7 अगस्त 1941 को कलकत्ता में हुआ।

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