Independence day wishes: 15 अगस्त 2022 को देश आजादी का अमृत का महोत्सव मना रहा है। इस बार सरकार का 'हर घर तिरंगा' अभियान चलाया है। इसके साथ ही लोग भी देशभक्ति में सराबोर नजर आ रहे हैं। स्वतंत्रता दिवस के मौके पर लोग एक-दूसरे को स्वतंत्रता दिवस की शुभकामनाएं भेजते हैं। इस बार आजादी के अमृत महोत्सव पर आप भी खास अंदाज में अपनों को आजादी के 75वें वर्षगांठ की शुभकामनाएं दे सकते हैं।
हम आपके लिए देशभक्ति से ओत-प्रोत शायरियां, कोट्स, कविताएं, वॉलपेपर और स्टेट्स लेकर आए हैं। इसके जरिए आप अपने दोस्तों, रिश्तेदारों और जान-पहचान वालों को स्वतंत्रता दिवस की शुभकामनाएं भेज सकते हैं। इन शायरियों और शुभकामना संदेशों को पढ़कर आपके दिल में भी देशभक्ति उमड़ आएगी। आप भी पढ़ें और अपनों को करें विश-
आओ झुक कर सलाम करे उनको
जिनके हिस्से में ये मुकाम आता है
खुशनसीब होता है वो खून जो देश के काम आता है!
स्वतंत्र दिवस की शुभकामनाएं!
Happy Independence Day 2022
इश्क तो करता हैं हर कोई
मेहबूब पे मरता हैं हर कोई
कभी वतन को मेहबूब बना कर देखो
तुझ पे मरेगा हर कोई
Happy Independence Day 2022
पूछो जमाने में हमारी क्या कहानी है,
हमारी तो बस पहचान ये कि हम हिंदुस्तानी हैं
Happy Independence Day 2022
कुछ नशा तिरंगे की आन का है
कुछ नशा मातृभूमि के मान का है
हम लगाएंगे हर जगह इस तिरंगे को
हम लहराएंगे हर जगह इस तिरंगे को
ऐसा नशा ही हिंदुस्तान की शान का है
Happy Independence Day 2022
कुछ नशा तिरंगे की आन का है
कुछ नशा मातृभूमि के मान का है
हम लगाएंगे हर जगह इस तिरंगे को
हम लहराएंगे हर जगह इस तिरंगे को
ऐसा नशा ही हिंदुस्तान की शान का है
चलो फिर से आज वह नजारा याद कर लें
शहीदों के दिल में थी वो ज्वाला याद कर लें
जिसमें बहकर आजादी पहुंची थी किनारे पे
देशभक्तों के खून की वो धारा याद कर लें।।
Happy Independence Day 2022
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कुछ तो बात है मेरे देश की मिट्टी में साहेब,
सरहदें कूद के आते हैं यहां दफ़न होने के लिए।
कुछ नशा तिरंगे की आन का है,
कुछ नशा मातृभूमि की शान का है
हम लहरायेंगे हर जगह ये तिरंगा
नशा ये हिंदुस्तान की शान का है !
ना पूछो ज़माने को,
क्या हमारी कहानी हैं
हमारी पहचान तो सिर्फ ये हैं
की हम सिर्फ हिंदुस्तानी हैं।
दे सलामी इस तिरंगे को
जिस से तेरी शान हैं,
सर हमेशा ऊँचा रखना इसका
जब तक दिल में जान हैं
हल्की सी धूप बरसात के बाद,
थोरी सी खुशी हर बात के बाद,
इसी तरह मुबारक हो आप को,
जशन-ए-आज़ादी 1 दिन के बा
दोस्ताना इतना बरक़रार रखो कि
मज़हब बीच में ना आये कभी,
तुम उसे मंदिर तक छोड़ दो,
वो तुम मस्जिद छोड़ आये कभी
रिश्ता हमारा ऐसे ना तोड़ पाए को
दिल हमारे एक है एक है हमारी जान
हिन्दुस्तान हमारा है हम है इसकी शान
जान लूटा देंगे वतन पे हो जाएँगे क़ुरबान
इसलिए हम कहते है मेरा देश महान
चलो फिर से आज वह नज़ारा याद कर ले,
शहीदों के दिल में थी वो ज्वाला याद कर ले,
जिसमे बहकर आज़ादी पहुंची थी किनारे पे
देशभक्तो के खून की वो धारा याद कर ले।
मैं मुस्लिम हूँ, तू हिन्दू है,
है दोनों इंसान,
ला मैं तेरी गीता पढ़ लूँ, तू पढ़ ले कुरान,
इस स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर
हैं मेरा बस एक ही अरमान,
एक थाली में खाना खाए सारा हिन्दुस्तान।
दोस्ताना इतना बरक़रार रखो कि
मज़हब बीच में ना आये कभी,
तुम उसे मंदिर तक छोड़ दो,
वो तुम मस्जिद छोड़ आये कभी !
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आज़ादी दिवस की शायरियां
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दिल से निकलेगी न मर कर भी वतन की उल्फत
मेरी मिट्टी से भी खुशबू-ए-वफा आएगी
(लाल चन्द फलक)
सरफरोशी की तमन्ना अब हमारे दिल में है
देखना है जोर कितना बाज़ू-ए-कातिल में है
वक़्त आने दे दिखा देंगे तुझे ऐ आसमां
हम अभी से क्यूं बताएं क्या हमारे दिल में है
(बिस्मिल अजीमाबादी)
लहू वतन के शहीदों का रंग लाया है
उछल रहा है जमाने में नाम-ए-आजादी
(फिराक गोरखपुरी)
तन की सर-जमीं से इश्क ओ उल्फत हम भी रखते हैं
खटकती जो रहे दिल में वो हसरत हम भी रखते हैं
ज़रूरत हो तो मर मिटने की हिम्मत हम भी रखते हैं
ये जुरअत ये शुजाअत ये बसालत हम भी रखते हैं
(जोश मलसियानी)
कहां हैं आज वो शम-ए-वतन के परवाने
बने हैं आज हक़ीक़त उन्हीं के अफ्साने
(सिराज लखनवी)
सारे जहां से अच्छा हिन्दोस्तां हमारा
हम बुलबुलें हैं इस की ये गुलसितां हमारा
मजहब नहीं सिखाता आपस में बैर रखना
हिन्दी हैं हम वतन है हिन्दोस्तां हमारा
(अल्लामा इकबाल)
इसी जगह इसी दिन तो हुआ था ये एलान
अंधेरे हार गए ज़िंदाबाद हिन्दोस्तान
(जावेद अख्तर)
वतन के जां-निसार हैं वतन के काम आएंगे
हम इस जमीं को एक रोज आसमां बनाएंगे
(जाफर मलीहाबादी)
दुख में सुख में हर हालत में भारत दिल का सहारा है
भारत प्यारा देश हमारा सब देशों से प्यारा है
(अफसर मेरठी)
वतन की पासबानी जान-ओ-ईमाँ से भी अफजल है
मैं अपने मुल्क की खातिर कफन भी साथ रखता हूँ
(अज्ञात)
न होगा राएगा खून-ए-शहीदान-ए-वतन हरगिज
यही सुर्खी बनेगी एक दिन उनवान-आजादी
(नाजिश प्रतापगढ़ी)
ये बात हवाओं को बताए रखना
रोशनी होगी चिरागों को जलाए रखना
लहू देकर जिसकी हिफाजत हमने की
ऐसे तिरंगे को सदा दिल में बसाए रखना
(अज्ञात)
जो भरा नहीं है भावों से
बहती जिसमें रसधार नहीं
वह हृदय नहीं है पत्थर है
जिसमें स्वदेश का प्यार नहीं
(अज्ञात)
भारत के ऐ सपूतो हिम्मत दिखाए जाओ
दुनिया के दिल पे अपना सिक्का बिठाए जाओ
(लाल चन्द फलक)