नई दिल्ली: देश में हर साल पांच सितंबर को शिक्षक दिवस यानी टीचर्स डे मनाया जाता है। गुरु,शिक्षकों,टीचर को इस दिन हम याद करते हैं उनका सम्मान करते है। 5 सितंबर का दिन गुरु, शिक्षक यानी उस्ताद के प्रति सम्मान का दिन होता है।
शिक्षक दिवस हम देश के पूर्व उप राष्ट्रपति डॉ.सर्वपल्ली राधाकृष्णन के सम्मान में मानते हैं। उन्होंने शिक्षा के क्षेत्र में बहुत योगदान दिया दिया है।
शिक्षक एक मोमबत्ती की तरह होते हैं वे खुद जलते है और ओरों की जिंदगी रोशन कर देते है।
एक बेहतरीन टीचर के साथ गुजरा हुआ एक दिन, दिल लगाकर पढ़े हुए 1000 किताबों से बेहतर है ।
गुरु तेरी महिमा का वर्णन करूँ मैं कैसे ?वर्णन तेरा जो करूतो कागज वो छोटा होय।
सबसे अच्छा शिक्षक आपको जवाब नहीं देता,वो आपके अन्दर जवाब खुद ढूँढने की चिंगारी जला देता है।
शिक्षक कभी साधारण नहीं होता, प्रलय और निर्माण उनकी गौद में पलते है।
माताएँ देती है नवजीवन, पिता सुरक्षा लेकिन सच्ची मानवता शिक्षक हमारे जीवन में भरते है
सत्य न्याय के पाठ पर चलना शिक्षक हमें बताते है,जीवन संघर्षों से लड़ना शिक्षक हमें सिखाते है।
बिना शिक्षा के इंसान भी पशु समान है।
अक्षर अक्षर हमें सिखाते शब्द-शब्द का अर्थ बताते,कभी प्यार से कभी डाँट से, जीवन जीना हमें सिखाते।
जो बनाये हमें इंसान और दे सही गलत की पहचान,ऐसे देश के उन निर्माताओं को हम करते है शत् शत् प्रणाम।
मेरे जीवन में आने वाले हर एक शिक्षक को शत-शत नमन।
गुरु ही ब्रह्मा हैं, गुरु ही विष्णु हैं, गुरु ही शंकर है, गुरु ही साक्षात परमब्रह्म हैं; ऐसे गुरु का मैं नमन करता हूं।
माँ बालक की सबसे पहली शिक्षक होती है।
गुरु केवल वह नहीं जो हमें कक्षा में पढ़ाते हैं बल्कि हर वो व्यक्ति जिससे हम सीखते हैं वह हमारा गुरु है।
अज्ञानता को दूर करके ज्ञान की ज्योति जलाई है, गुरु के चरणों में रहकर हमने सब शिक्षा पाई है, गलत राह पर भटके जब हम तो गुरु ने ही राह दिखाई है। शिक्षक दिवस की शुभकामनायें।
अक्षर-अक्षर हमें सिखाते शब्द-शब्द का अर्थ बताते, कभी प्यार से कभी डाँट से, जीवन जीना हमें सिखाते।
बिना गुरु के आप सिर्फ किताबें पढ़ सकते हैं ज्ञानी नहीं बन सकते।
वक्त का हर एक लम्हा शिक्षा देता हैं वास्तव में समय एवम अनुभव ही हमारे प्राकृतिक शिक्षक हैं।
गुरु ईश्वर से बढ़कर है, क्योंकि गुरु ही भक्तों को ईश्वर तक पहुंचाते हैं।