इस साहसिक काम के लिए चूहे को गोल्ड मेडल से नवाजा गया, बहादुरी के किस्से जान रह जाएंगे दंग

लैंडमानइस का पता लगाने में बड़ी भूमिका निभाने वाले एक चूहे को गोल्ड मेडल से सम्मानित किया गया है। इसकी बहादुरी के किस्से जानकर आप भी हैरान रह जाएंगे।

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चूहे को गोल्ड मेडल से सम्मानित किया गया  |  तस्वीर साभार: AP

नई दिल्ली : एक अफ्रीकन चूहे को गोल्ड मेडल अवॉर्ड से पुरस्कृत किया गया। कंबोडिया में चूहे ने एक लैंडमाइन्स का पता लगाने में सुरक्षाकर्मियों की मदद की थी।जिसके बाद इस गैलेंट्री सर्विस के लिए उस चूहे को गोल्ड मेडल से पुरस्कृत किया गया। एनिमल ब्रेवरी के ऐसे पहले केस में इस चूहे को ब्रिटिश चैरिटी टॉप सिविलियन अवॉर्ड से सम्मानित किया गया।

उसका नाम मागवा है जबकि उसका ऑफिशियल जॉब टाइटल हीरोरैट दिया गया है। उसे एक स्पेशल वर्चुअल प्रेजेंटेशन में डायरेक्टर जनरल के हाथों पुरस्कृत किया गया। यह मेडल एक नॉन मिलिट्री मेडल है जिसे जानवरों के द्वारा किए गए सिविलियन एक्ट के लिए दिया जाता है।

रिपोर्ट के मुताबिक वह पिछले 5 सालों से लैंडमाइन्स का पता लगाता आ रहा है। सात साल के इस चूहे ने अब तक 39 लैंडमाइन्स का पता लगाया है जिनमें से 28 जिंदा लैंडमाइन्स थे। इस चैरिटी काम के लिए उसे हीरोरैट नाम दे दिया गया।

30 नॉमिनेटेड एनीमल में इस हीरोरैट को ये सम्मान मिला। अपने करियर में उसने 141,000 वर्ग फुट जमीन को लैंडमाइन्स मुक्त कराने में मदद की इससे कई नागरिकों को फायदा भी मिला। बताया जाता है कि जितना जल्दी इंसान भी नहीं ढ़ूंढ़ पाएंगे किसी बम को वो चूहा उतना ही जल्दी किसी भी लैंडमाइन्स का पता लगा लेता था।

एक टेनिस कोर्ट जितने बड़े एरिया को वह चूहा 30 मिनट के अंदर छान मारता था जिसे चेक करने में किसी इंसान को एक मेटल डिटेक्टर से 4 दिन लग जाते। रिपोर्ट के मुताबिक अपने रिटायरमेंट तक वह सर्विस देता रहेगा इसके बाद उसे रिलीव कर दिया जाएगा।
 

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