Holi 2022: 150 साल से इस गांव में किसी ने नहीं खेली होली, कारण जान हैरान रह जाएंगे आप

Holi Special: पूरी दुनिया में रंगों का त्योहार होली धूम-धाम से मनाया जाता है। लेकिन, भारत के एक गांव में लोग डर के कारण पिछले 150 साल से होली नहीं खेल रहे हैं।

Holi 2022 No one has played Holi in Kharhari Village Chhattisgarh for 150 years here is reason
एक गांव ऐसा, जहां नहीं खेली जाती है होली, (Photo-Istock) 
मुख्य बातें
  • भारत में रंगों का त्योहार होली धूम-धाम से मनाया जाता है
  • इस साल 18 मार्च को होली है
  • खरहरी गांव के लोग डर के कारण नहीं खेलते होली

Holi Special: इस साल 18 मार्च को रंगों का त्योहार होली मनाया जाएगा। लोगों को होली का बेसब्री से इंतजार है। इस दिन लोग जमकर अबीर, गुलाल उड़ाते हैं। भारत में यह त्योहार काफी धूम-धाम से मनाया जाता है। लेकिन, इसी देश में एक गांव ऐसा है, जहां रंगों का पर्व पूरी तरह से फीका रहता है। गांव का कोई भी व्यक्ति पिछले डेढ सौ साल से ज्यादा समय से होली नहीं खेल रहा है। ये बात सुनकर भले ही आपको हैरानी हो रही होगी, लेकिन यह सच है। अब आप सोच रहे होंगे कि आखिर इस गांव के लोग होली क्यों नहीं खेलते हैं? तो हम आपको बतातें कि होली ना खेलने को लेकर लोगों की अपनी अलग-अलग मान्यताएं हैं। आइए, जानते हैं आखिर गांव के लोग होली क्यों नहीं मनाते...

छत्तीसगढ़ के कोरबा जिले में मौजूद इस गांव का नाम खरहरी है। 150 साल से ज्यादा समय से गांव के लोगों ने होली नहीं खेली है। होली के दिन इस गांव में सन्नाटा पसरा रहता है। ना तो लोग रंग उड़ाते हैं ना ही जश्न मनाते हैं। इस दिन को भी लोग आम दिन की तरह ही बिताते हैं। अब सवाल ये उठता है कि आखिर लोग ऐसा क्यों करते हैं? तो हम आपको बता दें कि कई साल पहले गांव के लोग होली से पहले होलिका दहन कर रहे थे। हर तरफ होलिका दहन की तैयारी चल रही थी। अचानक गांव के सभी घर चलने लगे। हर तरफ आग की लपटें ही नजर आ रही थी। इस भयानक हादसे के बाद लोगों में खौफ बैठ गया और सबने होली ना खेलने का फैसला किया। इसके बाद इस गांव में कभी भी होली नहीं खेली गई। 

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दर्दनाक है होली ना खेलने की कहानी
  
इतना ही नहीं कुछ लोगों का यह भी कहना है कि गांव का एक व्यक्ति होली खेलने के लिए दूसरे गांव में चला गया। लेकिन, होली खेलने के बाद जब वो अपने गांव खरहरी लौटा तो उसकी तबीयत काफी बिगड़ गई। शख्स को बचाने की काफी कोशिश की गई, लेकिन उसकी मौत हो गई। इस घटना के बाद से लोगों में डर और बढ़ गया। इतना ही नहीं लोगों ने भविष्य में कभी होली ना खेलने का प्रण लिया। कुछ ग्रामीणों का यह भी कहना है कि गांव में एक आदिशक्ति मां मड़वारानी का मंदिर है। मां देवी ने सपने में लोगों से होली ना खेलने के लिए कहा। इस बात को भी मानकर लोगों ने होली ना खेलने का प्रण लिया। आपको जानकर हैरानी होगी कि इन मान्यताओं को लोग आज भी मानते हैं और होली नहीं खेलते हैं। 

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