नई दिल्ली : शांतनु नायडू एक ऐसे युवा हैं जो इन दिनों टाटा कंपनी के मालिक रतन टाटा के साथ नाम जुड़ने के कारण सुर्खियों में बने हैं। प्रेम और दया भावना के कारण किसी की जिंदगी में कैसे बदलाव आता है शांतनु इसका जीता-जागता उदाहरण है। सड़क पर घूमते आवारा कुत्तों के बेहतरी के काम करने वाले शांतनु को किसी छोटी-मोटी नहीं बल्कि खुद टाटा कंपनी के मालिक रतन टाटा ने जॉब ऑफर किया है। इस लड़के की कहानी सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रही है।
2014 में टाटा ग्रुप में काम करने के दौरान शांतनु ने सड़क पर एक आवारा कुत्ते को मरते हुए देखा था। अपनी आंखों के सामने कुत्ते की मौत ने देख शांतनु के दिल को झकझोर कर रख दिया। उसी दौरान उसने ये फैसला कर लिया कि इन कुत्तों की मदद के लिए वह कुछ बेहतर कदम उठाएगा। उसने बताया कि मुझे पता था कि मुझे उनके लिए कुछ करना है।
इसके बाद उसने अपने दोस्तों को बुलाया और उनकी मदद से कुत्तों के लिए एक पट्टा बनाया जिनपर रिफ्लेक्टर लगा हुआ था, ताकि जब गाड़ी आए तो उन्हें दूर से ही सड़क पर कुत्ते दिखें और एक्सीडेंट होने से बच जाएं। उसने बताया कि उसने अगले दिन कुत्तों के गले में वह पट्टा पहनाया। उस समय उसे नहीं पता था कि यह काम करेगा या नहीं लेकिन जब उसे किसी ने बताया कि इस पट्टे की वजह से एक कुत्ते की जान बच गई तो ये जानकर उसे काफी राहत मिली।
शांतनु के इस प्रयास की हर किसी ने सराहना की लेकिन उसके पास इस तरह के और पट्टे बनाने के लिए पैसों की कमी पड़ रही थी। इसके बाद उसके पिता ने उसे रतन टाटा को लेटर लिखने की सलाह दी चूंकि रतन टाटा भी कुत्तों से बेहद प्रेम करते हैं। शांतनु ने बताया कि पहले वह हिचकिचाया लेकिन फिर उसने हाथों से लिखी हुई चिट्ठी रतन टाटा को भेजी।
मुझे ये सभी कुछ सपने जैसा लग रहा था। वे इसके बाद मुझे अपने कुत्तों से मिलवाने ले गए और यहीं से हमारी दोस्ती हो गई। उन्होंने मुझे चार कंपनियों के लिए फंड ऑफर किया। मुझे मास्टर्स पूरा करने के लिए जाना था, लेकिन मैंने उनसे वादा किया कि एक बार मैं फ्री हो जाउं फिर मैं टाटा ट्रस्ट के लिए काम करुंगा और उन्होंने मेरा अनुरोध स्वीकार कर लिया। सोशल मीडिया पर ये पोस्ट तेजी से वायरल हो रही है। सभी को ये पोस्ट बेहद प्रेरणादायक लग रही है।