रांची: झारखंड के पश्चिम सिंहभूम (चाईबासा) में सदर अस्पताल ने कोविड-19 की जांच के लिए एक ‘फोन बूथ कोविड-19 नमूना संग्रह केंद्र’ का निर्माण किया है। इस तरह के केन्द्र को बनाने की लागत सिर्फ 15 से 20 हजार रुपए आएगी। राज्य के स्वास्थ्य विभाग ने यहां बताया कि राज्य के चाईबासा के सदर अस्पताल द्वारा तैयार यह बूथ आसानी से नमूनों के संग्रह के लिए एक जगह से दूसरी जगह तक ले जाया जा सकता है जिससे स्वास्थ्य कर्मियों को लोगों तक जाकर नमूने लेने में आसानी होगी।
'सुरक्षा के सभी मानकों का ध्यान रखा गया'
विभाग ने बताया कि इस बूथ में सुरक्षा के सभी मानकों का पूरा ध्यान रखा गया है। यह बिल्कुल एक फोन बूथ की तरह बनाया गया है। इस बूथ के जरिये किसी विशेष स्थान पर जाकर सामाजिक दूरी को बनाये रखते हुए लोगों के नमूने लिए जा सकते हैं। उन्होंने बताया कि इस तरह का प्रयोग कर समूह के नमूने संग्रह द्वारा जर्मनी में भी जांच किट पर होने वाले खर्चे को आधा किया जा चुका है। इस प्रणाली के माध्यम से कम समय और कम पैसे में अधिक से अधिक परीक्षण किए जा सकेंगे। इस प्रणाली की भारत सरकार के द्वारा भी सराहना की गई है।
'संदिग्ध भी स्वास्थ्य कर्मचारी से बात कर सकते हैं'
विभाग ने दावा किया कि यह कोरोना वायरस के खतरे से निपटने में मील का पत्थर साबित हो सकता है। ‘फोन बूथ कोविड-19 नमूना संग्रह केंद्र’ से नमूने संग्रह के लिए कोविड-19 के संदिग्ध जिनका नमूना लिया जाना है, सामाजिक दूरी बनाए रखते हुए एक पंक्ति में खड़े हो जाते हैं। बूथ के कैबिन के अंदर और बाहर माइक लगा होता है जिससे स्वास्थ्य कर्मचारी बोलकर अपने निर्देश दे सकते हैं और संदिग्ध भी स्वास्थ्य कर्मचारी से बात कर सकते हैं।
विभाग ने दावा किया कि इसमें लगे दो बड़े दस्तानों की सहायता से वह संदिग्ध की मदद भी कर सकते हैं। विटीएम किट में नमूना लेने के बाद उसे संग्रह बॉक्स में रख दिया जाता है। इस बूथ से पीपीई किट, मास्क एवं दस्तानों में लगने वाले करोड़ों रुपये की भी बचत होती है। इस बूथ को एक गाड़ी पर रखकर एक जगह से दूसरी जगह पर नमूने संग्रह के लिए आसानी से ले जाया जा सकता है।