नई दिल्ली: लॉकडाउन के कारण जहां आम जन जीवन थम गया है, वहीं इस दौरान प्रवासी मजदूरों की परेशानी काफी बढ़ गई है। यही वजह है कि मजदूर अलग-अलग राज्यों से अपने घरों की ओर लौट रहे हैं। मजदूर सड़क पर पैदल चलते हुए या फिर ट्रेन के जरिए अपने घरों का सफर तय कर रहे हैं। ऐसे में कुछ मजूदर रास्ता भटक जा रहे हैं तो कइयों की गलत ट्रेन में बैठने की खबरे सामने आई रही हैं। ऐसा ही एक मामला उत्तर प्रदेश के लखनऊ में सामने आया है। दरअसल, केरल के एक बुजर्ग मजदूर विजय पिल्लई गलत ट्रेन में बैठकर लखनऊ पहुंच गए। उन्हें केरल से आंध्र प्रदेश के विजयवाड़ा में अपने घर जाना था, लेकिन गलत ट्रेन उन्हें गृह राज्य से बहुत दूर ले गई।
'सेवा भाव ही सन्तुष्टि का आधार'
65 वर्षीय पिल्लई को अपनी मातृभाषा के अलावा कोई अन्य भाषा नहीं आती है, ऐसे में स्टेशन पर उनकी बात कोई समझ नहीं पा रहा था। हालांकि, परिवार निगम के अधिकारियों ने इसके तोड़ निकाल निकाल लिया। अधिकारियों ने गूगल ट्रांसलेटर की मदद से पिल्लई की भाषा को समझा और फिर उन्हें घर पहुंचाने में सहायता की। यूपी सरकार के आईएएस अधिकारी राजशेखर ने ट्वीट कर रविवार को यह जानकारी दी। उन्होंने पिल्लई का फोटो शेयर करते हुए कैप्शन लिखा कि विनम्र सेवा भाव ही सुख और सन्तुष्टि का आधार है।
पिल्लई से बस के लिए पूछताछ
मिली जानकारी के अनुसार, विजय पिल्लई 17 मई को लखनऊ आने वाली ट्रेन से चारबाग पहुंचे। रेलवे स्टेशन पर परिवहन निगम के मौजूद अधिकारियों ने पिल्लई को बस में बैठाने के लिए उनसे पूछताछ की। पूछताछ में पता चला कि उन्हें हिंदी और अंग्रेजी नहीं आती है। वह सिर्फ अपनी मातृभाषा बोलते हैं। ऐसे में अधिकारियों को स्पष्ट मालूम नहीं चल सका कि पिल्लाई को जाना कहां है? इसके बाद कैसरबाग डिपो के सहायक क्षेत्रिय प्रबंधक गौरव वर्मा और उनकी टीम ने गूगल ट्रांसलेटर की मदद ली। गूगल ट्रांसलेटर के जरिए अधिकारियों को समझ आया कि पिल्लई विजयवाड़ा जाने वाली ट्रेन की जगह उत्तर प्रदेश आने वाली ट्रेन में गलती से बैठ गए थे।
सिकंदराबाद ट्रेन में रवाना हुए पिल्लई
जानकारी मिलने के बाद अधिकारियों ने पिल्लई के खानपान की व्यवस्था की। परिवहन निगम के अधिकारियों ने जिला प्रशासन, लखनऊ और रेलवे के अधिकारियों से पिल्लई के संबंध में अनुरोध किया ताकि वह अपने गर पहुंच सके। इसके बाद पिल्लई को आजमगढ़ से लखनऊ होते हुए सिकंदराबाद (आंध्र प्रदेश) जा रही ट्रेन में रवाना किया गया। इतना ही नहीं अधिकारियों ने रास्ते में उनकी परेशानी को ध्यान में रखते हुए कुछ पैसों का भी इंतजाम कर दिया। पिल्लई ने ट्रेन में बैठते समय परविहन निगम के अधिकारियों के साथ-साथ रेलवे का भी शुक्रिया अदा किया।