कोलकाता : कोरोना महामारी ने बहुतों को अपनों से छीन लिया है। इस महामारी की त्रासदी से गुजर रहे लोग अपना दुख और पीड़ा सोशल मीडिया के जरिए जाहिर कर रहे हैं। एक ऐसा ही भावुक कर देना वाला पोस्ट सोशल मीडिया में वायरल हुआ है। दरअसल, कोलकाता के रहने वाले सोहम चटर्जी नाम के व्यक्ति ने कोरना संक्रमण से जूझ रहीं अपनी मां के लिए फोन पर महान गायक किशोर कुमार द्वारा गाया हुआ गीत 'तेरा मुझसे है पहले का नाता कोई' गाकर सुनाया। एक डॉक्टर ने मां-बेटे के बीच हुई इस भावुक बातचीत के बारे में जानकारी अपने ट्विटर हैंडर के जरिए दी है। हालांकि, सोहम की मां कोरोना से जंग हार गईं। अब वह इस दुनिया में नहीं हैं। सोहम का अपने मां के लिए गाया हुआ गाना सोशल मीडिया में वायरल हुआ है।
डॉक्टर ने अपने फोन से बात कराई थी
वीडियो कॉलिंग के जरिए सोहम से उनकी मां की बातचीत कराने वाली डॉक्टर का कहना है कि मां-बेटे की बातचीत और दोनों के अटूट रिश्ते को देखकर सभी भावुकता से भर गए। डॉक्टर ने बताया कि इस मार्मिक बातचीत के दौरान वह कैसे फोन पकड़कर खड़ी रहीं। डॉक्टर ने कहा, 'बातचीत के दौरान सोहम रोने लगा। फिर भी वह रुका नहीं। उसने अपनी मां के लिए गाना गया।' गाना पूरा करने के बाद उसने डॉक्टर को धन्यवाद दिया। बातचीत खत्म करने से पहले सोहम ने अपनी मां के स्वास्थ्य के बारे में पूरी जानकारी ली।
कोरोना से जंग हार गईं सोहम की मां
कुछ दिनों बाद सोहम की मां की कोरोना से मौत हो गईं। अपनी मां के निधन का समाचार सोहम ने अपने फेसबुक पेज पर दिया। सोहम ने बताया कि वीडियो कॉलिंग के कुछ घंटे बाद उनकी मां ने दम तोड़ दिया। अब सोहम ने अपने इसी गीत को इंस्टाग्राम पर शेयर किया है। इंस्टाग्राम पर सोहम का यह गाना सुनकर लोग भावुक हो जा रहे हैं। गीत सुनकर कइयों की आंखों में आंसू आ गए।
इंस्टाग्राम पर दी श्रद्धांजलि तो भावुक हुए लोग
सोहम ने इंस्टाग्राम पर पोस्ट इस वीडियो के साथ कैप्शन में लिखा कि संगीत ने मां-बेटे को रिश्ते को और मजबूत बनाया था। संगीत के जरिए वे एक-दूसरे के प्रति सम्मान एवं प्रेम दर्शाते थे। अपने फेसबुक पोस्ट पर सोहम ने बताया है कि यह गीत उनके और उनकी मां के लिए क्यों खास है। सोहम ने लिखा है, 'मैं जब कभी भी अपनी मां से नाराज होता था तो वह यही गाना गाकर मुझे सुला देती थीं।' अपनी मां के साथ रिश्ते के बारे में बात करते हुए सोहम ने कहा कि 'मां उनकी सबसे बड़ी आलोचक थीं लेकिन वह उनके लिए प्रेरणा की स्रोत थीं। वह उनकी गायिकी में साथ देती थीं और शुरुआत के वर्षों में संगीत का प्रशिक्षण भी उन्हीं से मिला।'