केरल प्लेन हादसा: इमरजेंसी गेट से विंग पर फिर जमीन पर कूद बचाई अपनी प्रेग्नेंट बीवी और बच्ची की जान

केरल के कोझिकोड में हुए एयर इंडिया प्लेन क्रैश हादसे में एक व्यक्ति ने अपनी 4साल की बच्ची और अपनी पत्नी समेत अपनी जान जिस तरह से बचाई उसकी काफी चर्चा हो रही है।

kozhikode plane crash
कोझिकोड प्लेन क्रैश  
मुख्य बातें
  • केरल के कोझिकोड पर प्लेन क्रैश हादसे में 18 लोगों ने गंवाई थी अपनी जान
  • एक शख्स ने अपनी प्रेग्नेंट बीवी और पत्नी की जान बचाई
  • इमरजेंसी गेट से विंग पर कूद फिर जमीन पर छलांग मार बचाई तीनों की जान

कोझिकोड : केरल के कोझिकोड में बीते दिनों हुए एयर इंडिया प्लेन क्रैश में कुल 18 लोगों ने अपनी जान गंवाई। इसके अलावा प्लेन में सवार कई अन्य घायल भी हो गए थे। 7 अगस्त को कोझिकोड एयरपोर्ट पर एयर इंडिया एक्सप्रेस की क्रैश लैंडिंग के दौरान बड़ा हादसा हो गया था। इस हादसे में रमशाद नाम का एक शख्स था जो भाग्यशाली निकला जिसने हादसे से अपनी जान बचा ली। उसने केवल अपनी ही नहीं अपनी 4 साल की बेटी शाजिया और प्रेग्नेंट पत्नी सुफैरा की भी जान बचाई। 

प्लेन क्रैश होने के बाद रमशाद अपने परिवार के साथ प्लेन के अंदर से इमरजेंसी किट से बाहर कूद कर प्लेन की विंग पर आए इसके बाद वहां से वे जमीन पर कूद गए। इस तरह से रमशाद ने तीन जिंदगियां बचाई या यूं कहें कि उन्होंने अपने साथ-साथ चार जिंदगियों बचाईं क्योंकि उनकी पत्नी प्रेग्नेंट है।

रमशाद ने उस दिन का अपना अनुभव एएनआई से बताते हुए कहा कि हमने प्लेन के अंदर पायलट की घोषणा सुनी की हम जल्द ही कोझिकोड एयरपोर्ट पर लैंड करने वाले हैं। यह एक अलग प्रकार का अनाउंसमेंट था क्योंकि इसके पहले किसी प्रकार की वॉर्निंग नहीं दी गई और फिर हम सीधे एयरपोर्ट की तरफ नीचे उतरने लगे। लेकिन अभी हम जमीन पर पहुंचे भी नहीं थे कि हमने महसूस किया कि प्लेन उतरने की बजाय फिर से उपर उठ रहा है।

एयरपोर्ट के उपर करीब 10 से 20 मिनट तक प्लेन इसी तरह से हवा में कभी उपर तो कभी नीचे गोते खाता रहा। दूसरी बार कोई कोई अनाउंसमेंट नहीं हुई और प्लेन ने दोबारा लैंड किया। अंदर हमें ये एहसास हुआ कि प्लेन ने जमीन पर लैंड कर लिया है और प्लेन रनवे पर आगे बढ़ रहा है। लेकिन अचानक से प्लेन की स्पीड काफी तेज बढ़ गई और यह काफी भयानक रुप से हिलने भी लगी।

कुछ ही सेकेंड में प्लेन दो हिस्सों में बंट गया। हमने देखा कि केबिन के उपर रखे लगेज और बाकी सामान नीचे गिर रहे थे। किनारे की सीट पर मेरी बेटी बैठी हुई थी और उस पर बैग्स वगैरह गिर रहे थे जिसके बाद मैंने फौरन उसे उठाकर अपने पास कर लिया और मेरी पत्नी ने भी खुद को बचाने की कोशिश की। इसी समय हमने महसूस किया कि प्लेन ने क्रैश लैंडिंग की है। हमने पाया कि हम 18वें पंक्ति की सीट पर बैठे थे और हमारे पास ही इमरजेंसी द्वार था।

उसने आगे बताया कि उसने इमरजेंसी द्वार से निकलकर किसी तरह विंग पर पहुंचा और वहांसे अपने पत्नी बच्ची सहित जमीन पर कूद गया। उसे लगा कि प्लेन अब कभी भी ब्लास्ट हो सकता है इसलिए वह उन्हें लेकर वहां से तेजी से दौड़ा। यह चमत्कार ही था कि हम वहां से सुरक्षित निकल आए। हम इसके लिए उपर वाले का शुक्रिया अदा करते हैं। रमशाद दुबई में काम करते हैं और उन्हें हल्के फुल्के इलाज के बाद अस्पताल से छुट्टी दे दी गई है। उसकी बच्ची और पत्नी को कोई चोट नहीं आई थी। 


 

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