भगवान राम के दोनों जुड़वां भाई लौह (या लव) और कुश अपने पिता राम के समान ही यशस्वी हुए और इन्होंने क्रमशः लाहौर (पुरातन काल में लौहपुरी या लवपुरी कहा जाता था) एवं कसुर (पुरातन काल में कुशपुरी कहा जाता था) नगरों की स्थापना की थी बताते हैं कि पाकिस्तान में पंजाब के लाहौर के शाही किले के भीतर लव का एक मंदिर भी स्थित है। यह मन्दिर आलमगीरी दरवाजे के निकट स्थित है, जहां लाहौर किले का पुराना कारागार हुआ करता था।
वाल्मीकि रामायण से इस किंवदंती की पुष्टि स्पष्ट रूप से नहीं होती, क्योंकि इस महाकाव्य में श्रीराम के द्वारा लव को उत्तर और कुश को दक्षिण कोसल का राज्य दिए जाने का उल्लेख है। दक्षिण-कोसल में कुश ने कुशावती नामक नगरी बसाई थी हालांकि लव के द्वारा किसी नगरी के बसाए जाने का उल्लेख रामायण में नहीं है।
लव या लौह अर्थात कण या लोहा अपने जुड़वां भ्राता कुश के साथ हिन्दू भगवान राम एवं उनकी भार्या सीता के पुत्र थे। ऐतिहासिक तथ्यों के अनुसार ये लवपुरी के संस्थापक थे, लवपुरी को बाद में लौहपुरी कहा जाने लगा जो वर्तमान में पाकिस्तान स्थित शहर लाहौर है। लाहौर के किले में इनका एक मंदिर भी बना हुआ है, यह मंदिर लाहौर किले के अंदर है बताते हैं कि जिस समय पंजाब में सिखों का साम्राज्य था, कहते हैं ये मंदिर उसी समय बनाया गया था हालांकि यह मंदिर अब खाली पड़ा है। दक्षिण-पूर्व एशियाई देश लाओस एवं थाई नगर लोबपुरी दोनों ही उनके नाम पर रखे गए स्थान हैं।
लव और कुश राम तथा सीता के जुड़वां बेटे थे जब भगवान राम ने वानप्रस्थ लेने का निश्चय कर भरत का राज्याभिषेक करना चाहा तो भरत नहीं माने। अत: दक्षिण कोसल प्रदेश (छत्तीसगढ़) में कुश और उत्तर कोसल में लव का अभिषेक किया गया।
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