महिला मजदूर ने सड़क किनारे बच्चे को दिया जन्म, 1 घंटे बाद गोद में लेकर 160 किमी चली पैदल

Migrant worker deliver child on roadside: लॉकडाउन के दौरान एक महिला मजदूर ने सड़क किनारे बच्चे को जन्म दिया। महिला बच्चे के जन्म के एक घंटे बाद 160 किलोमीटर पैदल चली।

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बच्चे के साथ महिला मजदूर  |  तस्वीर साभार: Twitter

नई दिल्ली: कोरोना वायरस के संकट से निपटने के लिए देश में लॉकडाउन लागू है। लॉकडाउन के कारण देश में कई लोग अपने घर से दूर दूसरी जगहों पर फंस गए है। इनमें प्रवासी मजदूर, तीर्थयात्री, पर्यटक और छात्र शामिल है। लॉकडाउन में सबेस बुरी हालत प्रवासी मजदूरों की है, जिनके पास रहने और खाने का कोई ठिकाना नहीं है। ऐसे में दूसरे राज्यों में फंसे मजदूर अपने घरों को लौटने के लिए पैदल ही लंब-लंबे सफर पर निकल पड़े हैं। इस दौरान कई मजदूरों की दिल दहला देने वाली कहानी ने झकझोर कर रखा दिया है। ऐसी ही एक कहानी मध्य प्रदेश के सतना जिले में रहने वाली प्रवासी महिला मजदूर की है, जिसे सुन रोंगटे खड़े हो जाएंगे।

बच्चे को लेकर 160 किमी पैदल चली महिला

दरअसल, गर्भवती महिला मजदूर महाराष्ट्र के नासिक से सतना के लिए पैदल निकली थी। लेकिन 70 किलोमीटर चलने के बाद उसे लेबर पेन होने लगा। रास्ते में कोई सुविधा न होने के कारण महिला को सड़क किनारे ही बच्चे को जन्म देना पड़ा। रुह कंपाने देने वाली बात यह है कि जन्म के एक घंटे बाद ही महिला बच्चे को गोद में लेकर 160 किलोमीटर पैदल चली। महिला मजदूर ने बच्चे के साथ एमपी-महाराष्ट्र के बिजासन बॉर्डर पर पहुंचकर दम लिया। महिला ने 5 मई को बच्चे को जन्म दिया था। महिला का नाम शकुंतला है। वह अपने पति के साथ नासिक में रहती थी।  बता दें कि नासिक से सतना की दूरी करीब 1 हजार किलोमीटर है। 

शकुंतला की बात सुनक पुलिस हैरान 

महिला मजदूर शकुंतला गर्भावस्था के नौवें महीने में अपने पति के साथ सतना के लिए पैदल निकली। महिला ने 70 किलोमीटर चलने के बाद रास्ते में मुंबई-आगरा हाइवे पर बच्चे को जन्म दिया। इसमें चार महिला साथियों ने मदद की। शनिवार को शकुंतला बिजासन बॉर्डर पर पहुंची। उसके गोद में नवजात बच्चे को देख चेक-पोस्ट की इंचार्ज कविता कनेश उसके पास जांच के लिए पहुंची। उन्हें लगा कि महिला को मदद की जरूरत है। शकुंतला की बातों को सुनकर पुलिस टीम हैरान रह गई। शकुंतला के पति राकेश कौल ने टाइम्स ऑफ इंडिया से बात करते हुए कहा कि लॉकडाउन की वजह से नासिक में उद्योग धंधे बंद हैं जिसक वजह से नौकरी से हाथ धोना पड़ गया।
 

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