बुजुर्ग मां-बाप को कंधे पर बिठाकर कांवड़ यात्रा पर निकला शख्स, लोग बोले- कलयुग का 'श्रवण कुमार'

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आदित्य साहू
Updated Jul 23, 2022 | 15:48 IST

Kanwar Yatra: एक शिवभक्त ऐसी कांवड़ यात्रा पर निकला है, जिसे देखकर लोग अपना दिल हार बैठे हैं। इसके साथ ही इस शिवभक्त को कलयुग का ‘श्रवण कुमार’ कहा जाने लगा है।

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कलयुग का श्रवण कुमार  |  तस्वीर साभार: Twitter
मुख्य बातें
  • सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो ने छू लिया लोगों का दिल
  • माता-पिता को कंधे पर बिठा कांवड़ यात्रा पर निकला शख्स
  • IPS अधिकारी ने लिखी दिल छूने वाली बात

Kanwar Yatra: सावन की शुरुआत के साथ ही शिवभक्तों में कांवड़ यात्रा निकालने की होड़ मच गई है। जहां देखिए वहीं शिवभक्तों का सैलाब दिखाई दे रहा है। हर जगह कांवड़ लिए शिवभक्त नजर आ रहे हैं। मान्यता है कि कांवड़ यात्रा से 'अश्वमेघ यज्ञ' जितना पुण्य मिलता है। कांवड़ यात्रा के दौरान बोल-बम के नारों से पूरा देश गूंज उठा है। इसी बीच एक शख्स ने कुछ ऐसा काम किया है, जिसने देशभर के लोगों का दिल जीत लिया है। यह शिवभक्त ऐसी कांवड़ यात्रा पर निकला है, जिसे देखकर लोग अपना दिल हार बैठे हैं। इसके साथ ही इस शिवभक्त को कलयुग का ‘श्रवण कुमार’ कहा जाने लगा है।

वीडियो में आप देख सकते हैं कि यह शिवभक्त अपने बुजुर्ग माता-पिता को कंधे पर बिठाकर कांवड़ यात्रा पर निकला है। शख्स अपने माता-पिता को कंधे उठाया हुआ नजर आ रहा है और कांवड़ यात्रा पर चल पड़ा है। आपने श्रवण कुमार की कथा जरूर सुनी होगी। कहावत है कि एक बार श्रवण कुमार के अंधे माता-पिता की तीर्थ यात्रा पर जाने की इच्छा हुई। हालांकि वह अंधी आंखों की वजह से चल नहीं सकते थे। इसके बाद उनकी इच्छा पूरी करने के लिए उनके बेटे श्रवण कुमार ने एक कांवड़ बनाई और फिर उस कांवड़ में उन्हें बिठाकर उसे अपने कंधे पर रखा और अपने माता-पिता को तीर्थ यात्रा कराई थी। देखें वीडियो-

IPS अधिकारी ने लिखी दिल छूने वाली बात

अब जबकि यह शख्स अपने पिता को कंधे पर बिठाकर कांवड़ यात्रा पर निकला है तो सोशल मीडिया यूजर्स इस शख्स को सलाम कर रहे हैं। लोग इस शख्स को कलयुग का श्रवण कुमार कह रहे हैं। शख्स का वीडियो IPS अधिकारी अशोक कुमार ने अपने ऑफिशियल ट्विटर अकाउंट से शेयर किया है। इसके साथ IPS अधिकारी ने कैप्शन में लिखा, ‘जहां आजकल बूढ़े मां-बाप का तिरस्कार होता है, उन्हें घर से निकाल दिया जाता है या अपने साथ रहने नहीं दिया जाता.. वहीं आज इसका विपरीत दृश्य देखने को मिला.. लाखों शिवभक्तों के बीच एक श्रवण कुमार भी है, जो पालकी में अपने बुजुर्ग माता-पिता को लेकर कांवड़ यात्रा पर आया है.. मेरा नमन!’

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