धरती गोल नहीं चपटी है ये साबित करने के लिए बनाया रॉकेट, लॉन्च करते ही हुआ क्रैश और हो गई मौत

धरती गोल नहीं बल्कि चपटी है इसे साबित करने के लिए अमेरिका के एक शख्स ने एक रॉकेट बना दी। लेकिन उसे लॉन्च करने के कुछ देर बाद ही वह क्रैश हो गया जिसमें उसकी मौत हो गई।

mike hughs
माइक हग्स  |  तस्वीर साभार: Twitter

नई दिल्ली : माइक हग्स (Mike Hughes) साल 2018 में उस वक्त चर्चा में आए थे जब उन्होंने धरती चपटी है ये साबित करने के लिए खुद से एक रॉकेट बनाया था। 64 वर्षीय इस अमेरिकी शख्स को लोगों ने पागल करार दे दिया था। अब इन्हें लेकर ताजा खबर सामने आ रही है कि ये अपने ही रॉकेट क्रैश की दुर्घटना में स्वर्ग सिधार गए।

धरती गोल नहीं बल्कि चपटी है इसे साबित करने के लिए इन्होंने एक सेल्फमेड रॉकेट का निर्माण किया था और इस रॉकेट पर सवार होकर वे स्पेस की तरफ जा रहे थे लेकिन तभी ये रॉकेट क्रैश हो गया और इनकी मौत हो गई। कैलिफोर्निया के बार्स्टोव के पास एक रॉकेट को आसमान में ब्लास्ट होते हुए देखा गया।

इसके कुछ ही देर पहले इसने जमीन से उड़ान भरी थी औऱ स्पेस में कदम रखने से पहले ही क्रैश होकर वापस धरती पर आ गया। 
क्रैश होने के बाद माइक का पैराशूट भी जमीन पर से बरामद किया गया लेकिन उनकी बॉडी का कहीं कुछ अता पता नहीं लगा। अमेरिकी साइंस चैनल ने इस खबर की पुष्टि करते हुए बताया।

चैनल ने ट्वीट करते हुए लिखा कि बेहद दुख के साथ कहना पड़ रहा है कि मैइकल हग्स अपने होममेड रॉकेट को लॉन्च करने के दौरान दुनिया को अलविदा कह गए। उनके परिवार व दोस्तों को हमारी तरफ से शोक संवेदनाएं। उनका हमेशा से ये सपना था कि वे अपना रॉकेट लॉन्च करें और साइंस चैनल उसे टेलीकास्ट करें। 

हग्स ने 5000 फीट की उंचाई तक उड़ान भरने की कोशिश की थी। उनके साथ उनके पार्टनर वाल्डो स्टेक्स भी थे। उनकी टीम ने इस रॉकेट को बनाने के लिए 18,000 डॉलर खर्च किए थे। जब उन्होंने ये घोषणा की थी कि वे धरती चपटी है इसे साबित करने जा रहे हैं, तो वे पूरी दुनिया में अचानक से चर्चा में आ गए थे।

उन्होंने पहला रॉकेट 24 मार्च 2018 को सफलतापूर्वक लॉन्च किया था। उनका ये रॉकेट 1,875 फीट की उंचाई तक पहुंचा था। वे हमेशा से खरतनाक स्टंट करने के लिए जाने जाते थे। 2002 में उन्होंने 103 फीट की उंचाई से छलांग लगाई थी और गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में अपना नाम दर्ज कराया था।

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