Mathura: सपने में महिला को देखे भगवान शंकर, कहा- 'मुझे इस जगह से निकालो', हुई खुदाई तो..

यूपी के मथुरा में प्राचीन राधारमण मंदिर की सीढ़ी के नीचे भगवान शिव की मूर्ति दबे होने के सपने को सही मानकर गांव वालों ने रास्ते की खुदाई कर डाली।

Mathura Woman's claim Lord Shankar comes in my dream the Villagers excavated the way of temple
प्रतीकात्मक फोटो 
मुख्य बातें
  • उत्तर प्रदेश के मथुरा में सामने आया एक हैरान करने वाला मामला
  • महिला का दावा- मेरे सपने में आते हैं भगवान शिव और कहते हैं यहां दबे होने की बात
  • महिला के सपने को आधार मानकर गांव वालों ने की खुदाई

मथुरा: उत्तर प्रदेश के मथुरा से हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है जहां एक महिला के सपने को सच मानकर सैकड़ों ग्रामीणों ने प्राचीन राधारमण मंदिर की सीढ़ी के नीचे के रास्ते को कई फुट गहरा तक खोद दिया। मामला मथुरा के बरसाने से चार किलोमीटर दूर संकेत गांव का है। जहां की रहने वाली मंजू की शादी कई साल पहले कल्याणपुर के गांव में हुई थी। मंजू का दावा है कि उसे हर रोज सपने में भगवान शिव दिखाई देते हैं।

सपने में शिवजी के आने का किया दावा

एक मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, मंजू ने दावा किया है कि उसके सपने में रोज भगवान शिव आते हैं और कहते हैं कि गांव के राधारमण मंदिर की सीढ़ी के नीचे मैं दबा हुआ हूं, मुझे खुदाई कर यहां से बाहर निकल। शुरूआत में तो मंजू को इस सपने के बारे में लोगों को बताने में संकोच हुआ लेकिन बाद-बाद में जब रोज सपने आने लगे तो उसने हिम्मत कर यह बात अपने ससुराल और मायके वालों को बताई।

वायरल हो गई सपने वाली बात
मंजू के सपने का दावा गांव के प्रधान तक पहुंचा तो पूरे गांव में हल्ला मच गया जिसके बात तय हुआ कि मंजू के सपने के अनुसार बताई गई जगह की खुदाई की जाएगी। इसके बाद तय तारीख को सभी ग्रामीणों ने मजदूर लगाकर मंदिर की सीढ़ियों के नीचे वाले रास्ते की खुदाई करना शुरू कर दिया। खुदाई की बात गांव में फैलते ही पूरे इलाके के लोगों का वहां जुटना शुरू हो गया और समाज के तमाम वर्ग के लोग वहां पहुंचना शुरू हो गए।

लगी निराशा हाथ
मजदूर लगातार खुदाई करते रहे और लोगों की भारी भीड़ की वजह से उन्हें दिक्कत भी हुई लेकिन कार्य सुबह से ही जारी रखा गया। शाम तक जब पांच फीट की खुदाई हो गई तो तब भी कोई मूर्ति नहीं निकली। इसके बाद गांव वाले भी मायूस हो गए। मूर्ति नहीं मिलने के बाद खुदाई का कार्य रोक दिया गया और फिर गड्डे को मिट्टी डालकर बंद कर दिया गया।

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