लंदन: दुनिया में कोरोना वायरस का कहर बढ़ रहा है। इंग्लैंड भी इस वैश्विक महामारी से बेहाल है। ऐसे में मिस इंग्लैंड रहीं भारतीय मूल की मॉडल भाषा मुखर्जी ने कोरोना फिर से डॉक्टरी के पेशे में लौटने का फैसला किया है। भाषा मुखर्जी मिस इंग्लैंड बनने से पहले बोस्टन के पिलिग्रिम अस्पताल में जूनियर डॉक्टर थीं। 23 वर्षीय भाषा के पास स्नातक की दो दो डिग्री हैं। भाषा साल 2019 में मिस इंग्लैंड चुनी गई थीं जिसके बाद उन्होंने डॉक्टरी के पेशे से दूरी बना ली थी। भाषा अब दोबारा इंग्लैंड लौटकर बतौर डॉक्टर कोरोना से जंग में अहम भूमिका निभाने को तैयार हैं।
कोलकाता में जन्मीं हैं भाषा
भाषा ने नॉटिंघम यूनिवर्सिटी से मेडिकल साइंस के साथ मेडिसिन और सर्जरी में भी स्नातक किया है। इसके अलावा उनकी पांच अलग-अलग भाषाओं में अच्छी पकड़ भी है। वह पांच भाषाएं, हिन्दी, अंग्रेजी, बांग्ला, जर्मन और फ्रेंच बोल सकती हैं। कोलकाता में जन्मीं भाषा नौ साल की उम्र में अपने माता-पिता के साथ इंग्लैंड चली गई थीं। तब से उनका परिवार वहीं सेटल हो गया। मिस इंग्लैंड बनने के बाद बाद से भाषा कई चैरिटी कार्यों की एंबेस्डर के तौर पर काम कर रही हैं।
इसी सिलसिले में भाषा मार्च में भारत दौरे पर भी आई थीं। उन्होंने कोलकाता में सड़कों पर घूमने वाले बच्चों के लिए चंदा भी जुटाया था। हालांकि, यहां आने के बाद लॉकडाउन के कारण वह इंग्लैंड नहीं जा सकीं। इसके बाद उन्होंने सरकार से इंग्लैंड लौटने में मदद मांगी ताकि वह इस कोरोना के खिलाफ जंग में अपने दोस्तों के साथ काम कर सकें। कोलकाता में ब्रिटिश उच्चायोग की मदद के बाद वह बुधवार को इंग्लैंड आ गईं।
(तस्वीर साभार- Twitter)
'मैं हर हाल में काम पर वापस लौटना चाहती थी'
भाषा ने सीएनएन से बातचीत में कहा, 'मैं घर वापस आना चाहती थी। मैं लोगों की मदद के लिए सीधे काम पर जाना चाहती थी। यह बेहद अविश्वसनीय है कि पूरी दुनिया इस महामारी में से लड़ रहे लोगों के साथ खड़ी है। मैं उनमें से एक बनना चाहती थी। मुझे पता था कि मैं मदद कर सकती हूं। मेरे सहकर्मी मुझे बता रहे थे कि वे सप्ताह में सातों दिन 13 घंटे की शिफ्ट कर रहे हैं और रात की शिफ्ट भी कर रहे हैं। जब मैंने सुना कि मैं खुद को दोषी महसूस कर रही थी। मैं किसी भी हाल में काम पर वापस लौटना चाहती थी।'
ब्रिटेन में कोरोना से 6 हजार से अधिक की मौत
दुनियाभर में कोरोना वायरस पीड़ितों की तादाद में इजाफा हो रहा है। कोरोना के मरीजों का आंकड़ा 14 लाख के पार पहुंच गया है। वहीं, इस संक्रमण से मरने वालों की संख्या 81,000 हजार से ज्यादा हो गई है। इसमें अधिकतर की मौत यूरोप में हुई है। इटली, स्पेन और फ्रांस के बाद यूरोप में कोरोना से सबसे ज्यादा प्रभावित देश ब्रिटेन है। यहां मौत का आंकड़ा लगातार बढ़ता जा रहा है। ब्रिटेन में कोरोना संक्रमितों लोगों की कुल संख्या 55,000 के के पार पहुंच गई जबकि इस वायरस से 6,200 से अधिक लोगों की जान जा चुकी है। ब्रिटेन में मंगलवार को कोविड-19 से एक दिन में 708 और लोगों की मौत हो गई।