नई दिल्ली: एक दुर्लभ ऑटो-इम्यून बीमारी से जूझ रही ब्रिटेन की मॉडल सिंडी निकोल को कोरोना वायरस के बढ़ते प्रकोप के मद्देजनर मौत का भय है। 25 वर्षीय इस मॉडल का कहना है कि अगर वह कोरोनो वायरस से संक्रमित हो गई तो उसकी मौत की संभालना 99.9% है। निकोल अब वह हर चीज छूने से घबराती हैं क्योंकि उन्हें कोरोना के संपर्त में आने के खतरा रहता है। वह फिलहाल बेसेट बीमारी से पीड़ित है। निकोल ब्रिटेन में उन 1.4 मिलियन लोगों में से एक है, जिन्हें बताया गया है कि कोरोनो उनके लिए घातक साबित हो सकता है।
परिवार से भी बचने की सलाह
क्रॉनिकल लाइव की रिपोर्ट के अनुसार, निकोल को सरकार ने सलाह दी है कि वह कम से कम 12 सप्ताह तक घर में रहकर खुद को रखे और यहां तक कि अपने खुद के परिवार से भी संपर्क में आने से बचे। निकोल वायरस के प्रकोप से पहले काम कर रहा थी, लेकिन इसके प्रसार के साथ उन्हें खुद को घर पर बाकी लोगों से अलग रहने पर मजबूर होना पड़ रहा है। वह अपने मां-पिता और तीन कुत्तों के साथ रहती हैं। उन्होंने सभी से लोगों से जोखिम के बारे में सोचने और घर पर रहने का आग्रह किया है।
उन्होंने कहा, 'मैं अपने घर में एक बंधक की तरह महसूस करती हूं और वायरस मेरा सबसे बड़ा खतरा है। यह भयानक है। सब कुछ भयानक है।' उन्होंने साथ ही कहा कि खाने के लिए दूसरों पर निर्भर रहने से लेकर उन्हें अपनी जोखिम में डाल देने के खतरे के बारे में सोचने तक, जानें क्या-क्या आप छू सकते हैं और क्या नहीं छू सकते। चीजों को ठीक से साफ करें। वायरस का आप पर हमला करने का इंतजार न करें।
'लोग घर से बाहर निकल रहे हैं'
उन्होंने कहा कि इस दौरान सबसे निराशाजनक बात यह है कि लोग शिकायत कर रहे हैं। वह घर पर रहने की बजाए इधर-उधर जा रहे हैं। सलाह की अनदेखी कर रहे है। यह हम जैसे कमजोर लोगों को प्रभावित करने वाला है। कृप्या स्वार्थी न बनें। मैं बस उम्मीद करती हूं कि लोग इस सब की गंभीरता को समझना शुरू कर दें और महसूस करें कि यह सिर्फ उनके बारे में नहीं है। मैंने सिर्फ 25 साल की उम्र में मौत का सामना कर रही हूं। कृपया सलाह का पालन करें। घर में रहकर मेरे जैसे लोगों की जान बचाओ।
'खुशकिस्मत हूं कि मेरे पास एक बगीचा है'
निकोल ने आगे कहा कि मैं अपना घर नहीं छोड़ सकती। मैं खुशकिस्मत हूं कि मेरे पास एक बगीचा है। यह मैं महीनों से देख रही हूं। यह मेरे परिवार में सभी को मानसिक रूप से प्रभावित करता है। वो न केवल खुद वायरस से बचने के में चिंतित हैं बल्कि वो इसे मेरे पास जाने न देने को लेकर भी चिंतित हैं। जैसे ही हमें बताया गया कि यह मेरे जैसी बीमार और कमजोर लोगों को प्रभावित करेगा तो हमने आपस में खुद से दूरी बनाने का निर्णय कर लिया था। हमारे मानसिक स्वास्थ्य पर इसका प्रभाव बहुत बड़ा है। हम सभी को एक-दूसरे की रक्षा करने की चिंता है और हमारे भविष्य के बारे में चिंता है।