कहा जाता है कि "जाको राखे साइंया मार सके ना कोई" ये सिर्फ कहने की बात नहीं है ऐसा होता भी है, एक नहीं तमाम ऐसे उदाहरण हैं जो इस बात को सही साबित करते हैं, ताजा मामला मुंबई के वांगनी स्टेशन से सामने आया है जहां एक छोटा बच्चा पटरी पर गिर जाता है और तभी वहां एक तेज रफ्तार ट्रेन आती दिखती है।
ये देखकर वहां लोगों के रोंगटे खड़े हो जाते हैं लेकिन कोई भी उस मासूम की मदद करने की हिम्मत नहीं जुटा पाता है क्योंकि सामने से बेहद तेज रफ्तार ट्रेन आती दिख रही है वो भी नॉन स्टॉप...
ऐसे में साक्षात भगवान बनकर रेलवे का ही एक कर्मी उसकी मदद को आता है और पलक झपकते ही उस बच्चे को बचा लेता है हालांकि ऐसा करते हुए उसकी खुद की जान भी जा सकती थी।
बच्चे को बचाने वाला रेल कर्मी सेंट्रल रेलवे मुंबई डिविजन के मयूर शेल्के (पॉइंट्समैन) हैं जिनके द्वारा किए गए उत्कृष्ट काम ने एक बच्चे की जान बचाई, जिसने प्लेटफॉर्म नं पर चलते समय अपना संतुलन खो दिया था।
मध्य रेलवे ने इस रेल कर्मी के जज्बे की तारीफ की है जिसने इस बच्चे की जान बचाने के लिए अपनी जान जोखिम में डाल दी उन्होंने कहा-हम उनके अनुकरणीय साहस और कर्तव्य के प्रति अत्यंत समर्पण को सलाम करते हैं।