Noida Twin Tower: नोएडा स्थित सुपर टेक ट्विट टॉवर इन दिनों सुर्खियों में हैं। अगामी 28 अगस्त को इस भवन को ध्वस्त किए जाने की उम्मीद है। बिल्डिंग गिराने को लेकर तकरीबन सारी तैयारियां पूरी कर ली गई है। इतना ही नहीं पास में रहने वाले लोगों को भी अगाह कर दिया गया है। गौरतलब है कि सेक्टर 93A स्थित इन टॉवरों को सुप्रीम कोर्ट के 2021 के फैसले पर ध्वस्त करने का फैसला लिया गया है। हालांकि, इस तरह का यह कोई पहला मामला नहीं है। इससे पहले भी इसी तरीके से केरल में एक बिल्डिंग को जमींदोज किया गया था।
साल 2020 में अदालत ने केरल के मराडू की बहु-मंजिला आवास परिसरों को गिराने का फैसाल सुनाया था। इन दोनों में अंतर इतना है कि माराडू टावरों में नोएडा ट्विन टावर्स की तुलना में लगभग आधी मंजिलें थीं। मराडू में टॉवरों को पूरा कर लिया गया था और लोगों भी रहने लगे थे। लेकिन, तटीय विनियमन क्षेत्र की जरूरतों का उल्लघंन करने के कारण उसे गिराने का आदेश दिया गया था। आखिर किस तरह बिल्डिंग को गिराया गया था इस वीडियो में आप देखें...
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15 सेकेंड के अंदर इमारत गिर जाएगी
गौरतलब है कि जब ट्विन टॉवर को गिराया जाएगा तो यह देश की सबसे ऊंची इमारत बन जाएगी, जिसे विस्फोटकों के जरिए उड़ाया जाएगा। महज 15 सेकेंड के अंदर कुतुबमीनार से भी ऊंची इमारतें ढह जाएंगी और तकरीबन 55,000 टन यहां मलबा निकलेगा। इमारत से निकलने वाले मलबे को ढोने के लिए ट्रकों को करीब 1200 से 1300 चक्कर लगाने होंगे। इमारत ढहने के बाद इससे जो लोहा और स्टील निकलेगा, वह करीब 4000 टन होगा। यहां आपको बता दें कि विस्फोट टीम ने संरचना को 3,500 किलोग्राम से अधिक विस्फोटकों से भर दिया है और 100 मीटर की दूरी से विस्फोट का संचालन किया जाएगा।