भारतीय रेल को देश की लाइफलाइन भी कहा जाता है। क्योंकि, यहां दुनिया का चौथा सबसे बड़ा रेल नेटवर्क है। करोड़ों की संख्या में लोग हर दिन भारत में ट्रेन से यात्रा करते हैं। अपनी सुविधा के अनुसार यात्रीगण ट्रेन में सीट बुक करते हैं। यात्रा के दौरान आपको ट्रेन में कई ऐसी चीजें दिखेंगी, जिसका आपा सीधा मतलब नहीं निकाल पाते हैं। क्योंकि, कई चीजें कोडिंग वर्ड में होती है। यात्री नियमित उन चीजों को देखते हैं, लेकिन कभी जानने की कोशिश नहीं करते हैं कि इसका क्या मतलब है और ये क्यों लिखा है? लिहाजा, आज हम आपको भारतीय रेल के बारे में एक ऐसी जानकारी देने जा रहे हैं, जिसके बारे में जानकर आप हैरान भी होंगे और आगे से जब भी उसे देखेंगे तो उसका मतलब समझ जाएंगे।
सफर के दौरान ट्रेन के डिब्बों के ऊपर लिखे चार, पांच और छह अंकों के नंबर को आपने कई बार देखा होगा या फिर उसपर गौर किया होगा। लेकिन, कभी सोचा है कि आखिर वो नंबर क्यों लिखा है और उसका क्या मतलब है? अगर नहीं तो आज उसका मतलब जान लीजिए। क्योंकि, ये बड़े काम की चीज है। दरअसल, ट्रेन के हर कोच पर मुख्य रूप से 5 अंकों की संख्या लिखी होती है। इन नंबर के अलग-अलग मतलब होते हैं। अगर किसी कोच पर 92322 लिखा है, तो इसका मतलब ये है कि ये कोच साल 1992 में बना है। पहले तो अंक का यही मतलब है। पहले दो अंक साल के बारे में बताते हैं।
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...तो ये है इन नंबरों का मतबल
वहीं, बाकी तीन नंबरों की बात की जाए तो उससे यह पता चलता है कि कोच एसी-1 टियर है या टियर- 2 या फिर सामान्य द्वितीय श्रेणी का है। उदहारण के लिए अगर ट्रेन के डिब्बे पर 04052 लिखा है। तो मतलब ये हुआ कि कोच का निर्मा साल 2004 में हुआ है। 052 का मतलब एसी -2 टियर है। अगर 92322 लिखा है तो समझिए साल 1992 में कोच का निर्माण हुआ है और 322 का मतलब है कि ये द्वितीय श्रेणी स्लीपर कोच है। तो अब कभी ट्रेन के डिब्बों पर इस तरह लिखा दें तो उसका मतलब आपको पता चल जाएगा और आपकी जानकारी भी बढ़ जाएगी।