लखनऊ: उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में जब्त करके लाई गई एक स्कॉर्पियो कार में सैर सपाटा करना गोमतीनगर पुलिस को भारी पड़ गया। गाड़ी अचानक लॉक हो गई सिपाही और दरोगा अंदर ही फंसे रह गए। जब कार के मालिक को उसकी कार के गलत इस्तेमाल की जानकारी मिली तो उसने जीपीएस तकनीक की मदद से ऐप के जरिए इसे लॉक कर दिया और पुलिसकर्मी एक घंटे तक कार के अंदर ही फंस कर रह गए। बाद में अधिकारियों की ओर से कार्रवाई की गई और पुलिस इंस्पेक्टर को लाइन हाजिर किया गया।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार पुलिसकर्मी के बहुत अनुरोध करने के बाद कार के मालिक ने लॉक खोला और वह करीब 1 घंटे तक कैद रहने के बाद बाहर निकल सके। गोमतीनगर पुलिस थाने के अंतर्गत हुई इस घटना की जानकारी लखनऊ के अंदर आग की तरह इलाके में फैल गई और इसी के बाद इंस्पेक्टर को लाइन हाजिर करा लिया गया।
हुआ यूं कि: गाड़ी के मालिक अखंड सिंह को पुलिस की ओर से जानकारी दी गई कि वह पुलिस थाने आकर अपनी गाड़ी ले जाएं। जब वह पहुंचे तो उन्हें मौके पर गाड़ी नहीं मिली। जब इस बारे में कार मालिक ने पूछा तो उलट पुलट जवाब दिए जाने लगे। कार हाईटेक जीपीएस सिस्टम से लैस थी। ऐप की मदद से लोकेशन देखने पर पता चला कि यह लखीमपुर खीरी के पास थी। कार मालिक को इस बात पर गुस्सा आ गया और उसने वहीं कार को लॉक कर दिया।
विवाद के बाद जब्त की थी कार: दरअसल दो पक्षों में विवाद के बाद गोमतीनगर पुलिस तक यह मामला पहुंचा था और कार को जब्त कर लिया था। बाद में दोनों समूहों ने बातचीत से आपस में मामला सुलझा लिया लेकिन पुलिस ने कार जब्त करके अपने पास रख ली। बाद में मालिक को कार वापस ले जाने के लिए सूचित किया गया।
मिन्नतें करते रह गए पुलिसवाले: जब पुलिसकर्मी कार के अंदर फंसे तो नजारा देखने लायक था। मालिक के कार को लॉक करने के बाद पुलिसकर्मी मिन्नतें करते हुए नजर आए। पुलिस कमिश्नर सुजीत पांडे ने इस मामले पर जानकारी देते हुए कहा कि गोमतीनगर थाने के इंस्पेक्टर प्रमेंद्र सिंह को लाइन हाजिर किया गया है। रिपोर्ट्स के अनुसार प्राइवेट कार को सरकारी काम करने के लिए इस्तेमाल किया जा रहा था।