Republic Day Poem, Speech, Kavita in Hindi 2022: देश में आज 73वां गणतंत्र दिवस मनाया जा रहा है और इस मौके पर विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं हालांकि, कोरोना वायरस के कारण ज्यादातर कार्यक्रम रद्द कर दिए गए हैं। क्योंकि, भीड़ करने की इजाजत नहीं है। 26 जनवरी पर परेड, भाषण और कविताएं काफी महत्वपूर्ण होते हैं। इस मौके पर लोग गूगल पर गणतंत्र दिवस पर भाषण, निबंध, गणतंत्र कविताएं लेखन, शायरी, फोटो और गणतंत्र दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं काफी सर्च करते हैं। ऐसे में हम आपको यहां गणतंत्र दिवस पर बेस्ट कविताएं और भाषण लेकर आए हैं। जिसे आप कार्यक्रम में आसानी और शान से पढ़कर लोगों का दिल जीत सकते हैं।
Republic Day 2022 Speech, Quotes, Poem, Wishes in Hindi: Read here
हमार देश 15 अगस्त, 1947 को आजाद हुआ था। लेकिन, हमारे देश का संविधान 26 जनवरी, 1950 को लागू हुआ था। इसमें भारत को गणतांत्रिक व्यवस्था वाला देश बनाने की राह तैयार की गई। लिहाजा, हर साल 26 जनवरी को भारत के गणतांत्रिक राष्ट्र बनने के उपलक्ष्य में इस दिन को गणतंत्र दिवस के रूप में मनाया जाता है। भारतीय गणतंत्र के समक्ष बहुत सी चुनौतियां मुंह फैलाए आज भी हमारे सामने खड़ी हैं।
देश में आजादी के बाद से ही भ्रष्टाचार लगातार बढ़ रहे हैं, स्थिति लगातार चिंताजनक होती जा रही है। आज भी देश की जनता मूलभूत सुविधाओं से वंचित है। अधिकांश नेता, मंत्री, सरकारी अफसर, कर्मचारी जिनके पास जिम्मेदारियां हैं, वे ईमानदारी से उनका निर्वाह नहीं कर रहे हैं। लोग गलत तरीके से पैसे कमाने को लालायित है। राजनीति के क्षेत्र में अपराधियों और भ्रष्ट लोगों का जमावड़ा है। अपराधियों और भ्रष्ट नेताओं से न देश और समाज का कभी भला हुआ है और न ही होगा।
इतना ही नहीं बेरोजगारी, गरीबी, अशिक्षा, आतंकवाद, नक्सलवाद, राजनीति का अपराधीकरण, निर्माण क्षेत्र की अनदेखी, किसानों को फसलों का उचित मूल्य न मिलना ऐसी बहुत सी समस्याएं हैं, जो हमारे आस-पास नजर आ रही है। समस्याओं का समाधान करने की दिशा में शासन-प्रशासन तंत्र नाकाम रहा है। हर साल गणतंत्र दिवस पर भाषण सुनने को मिलते हैं, उनमें देश की समस्याओं का जिक्र होता है और गौर करेंगे तो पता चलेगा कि ये समस्याएं जस की तस है। सालों से स्वतंत्रता दिवस और गणतंत्र दिवस पर दिए जाने वाले भाषणों, निबंधों में इनका जिक्र होता रहा है पर समाधान अब तक नहीं हो सका है। हर आदमी लोकतंत्र का हिस्सा है और सबको अपनी भूमिका का निर्वहन अच्छे से करना होगा तभी भारतीय लोकतंत्र सच्चे अर्थों में सफल हो पाएगा, वरना स्वतंत्रता दिवस और गणतंत्र दिवस पर दिए जाने वाले भाषणों में इससे जुडे मुद्दे उठेंगे और उसके बाद फिर वर्ष भर लोकतंत्र में जनता पिसती रहेगी और रखवाले सोते रहेंगे। इसके बाद जय हिंद और जय भारत का नारा लगाते हुए अपने भाषणा को आप समाप्त कर सकते हैं।
आओ तिरंगा लहराएं, आओ तिरंगा फहराएं,
अपना गणतंत्र दिवस है आया, झूमे, नाचे, खुशी मनाएं।
अपना 73वां गणतंत्र दिवस खुशी से मनाएंगे,
देश पर कुर्बान हुए शहीदों पर श्रद्धा सुमन चढ़ाएंगे।
26 जनवरी 1950 को अपना गणतंत्र लागू हुआ था,
भारत के पहले राष्ट्रपति, डॉ. राजेन्द्र प्रसाद ने झंड़ा फहराया था,
मुख्य अतिथि के रुप में सुकारनो को बुलाया था,
थे जो इंडोनेशियन राष्ट्रपति, भारत के भी थे हितैषी,
था वो ऐतिहासिक पल हमारा, जिससे गौरवान्वित था भारत सारा।
विश्व के सबसे बड़े संविधान का खिताब हमने पाया है,
पूरे विश्व में लोकतंत्र का डंका हमने बजाया है।
इसमें बताए नियमों को अपने जीवन में अपनाए,
थाम एक दूसरे का हाथ आगे-आगे कदम बढ़ाए।
आओ तिरंगा लहराये, आओ तिरंगा फहराए,
अपना गणतंत्र दिवस है आया, झूमे, नाचे, खुशी मनाएं।।
हम आजादी के मतवाले,
झूमे सीना ताने।
हर साल मनाते उत्सव,
गणतंत्र का महजब जाने।
संविधान की भाषा बोले,
रग-रग में कर्तव्य घोले।
गुलामी की बेड़ियों को,
जब रावी-तट पर तोड़ा था।
उसी अवसर पर तो,
हमनें संविधान से नाता जोड़ा था।
हर साल हम उसी अवसर पर,
गणतंत्र उत्सव मनाते हैं।।
पूरा भारत झूमता रहता है,
और हम नाचते-गाते हैं।
राससीना की पहाड़ी से,
शेर-ए-भारत बिगुल बजाता है।
अपने शहीदों को करके याद,
पुनः शक्ति पा जाता है।।
हो रहा युग परिवर्तन, उदय हो रहे नव भास्कर मेरे देश में,
मेरे देश की शक्ति युगों से निहीत, प्रगाढ़ सकती है मेरे देश में।
कोई भी देश ना करें यह गलती,की भारत की शक्ति में दम नहीं,
बहुत रण फतेह की है मेरे देश ने, मेरा देश किसी से कम नहीं।।
महाभारत जैसे भयंकर युद्धों का इतिहास है मेरे देश में,
भारती पुत्र अर्जुन जैसे सपूत, रण कौशल है मेरे देश में ।
श्री कृष्ण का अनुसरण करते, यहां शान्ति भी कोई कम नहीं,
रण कौशलता का तो हम पाठ पढ़ाते, मेरा देश किसी से कम नहीं ।।
वर्षों से शौर्य गाथा का गुणगान है मेरे देश में,
गाएं दसों दिशाएं शौर्य की गाथा, ऐसा कौशल मेरे देश में।
सहन नहीं ऐसी ललकार, जो सोचे भारत शौर्य में दम नहीं,
देशभक्त हर घर में है यहां, मेरा देश किसी से कम नहीं ।।