वाशिंगटन : एलियंस, यूएफओ को लेकर अंतरराष्ट्रीय चर्चाओं के बीच अमेरिका की एक पूर्व नौसेना अधिकारी ने यूएफओ से सामना होने के अनुभव को बयां किया है। उनका कहना है कि यूएफओ से उनका सामना 2004 में हुआ था, जब वह एक ट्रेनिंग मिशन पर थीं। उन्होंने बताया कि वह अपने कमांडिंग अफसर के साथ थीं, जब उन्होंने एक असामान्य सी चीज को समुद्र के सतह के ऊपर देखा। इससे पहले कि वे कुछ समझ पाते और उससे संपर्क स्थापित कर पाते, वह गायब हो गया।
यूएफओ को लेकर अपने इस दावे के कारण यह महिला अंतरराष्ट्रीय मीडिया की सुर्खियों में हैं। हालांकि उनका कहना है कि वह खुद को व्हिसल ब्लोअर के तौर पर नहीं देखतीं और न ही खुद को 'यूएफओ पर्सन' के तौर पर बताती हैं। अमेरिकी नौसेना की रिटायर्ड अधिकारी एलेक्स डायट्रिच के अनुसार, जब उन्होंने उस असामान्य सी नजर आने वाली चीज के साथ संपर्क स्थापित करने का प्रयास किया तो ऐसा लगा कि वह कुछ रेस्पॉन्ड कर रहा है, पर वे इसे समझ नहीं पाए।
अमेरिकी नौसेना की पूर्व अधिकारी का यह दावा ऐसे समय में आया है, जबकि यूएफओ पर गठित पेंटागन टास्क फोर्स ने शुक्रवार को अपनी रिपोर्ट कांग्रेस के समक्ष पेश की है। इस टास्क फोर्स का गठन आसमान में उड़ने वाले अलग तरह के ऑब्जेक्ट्स के बारे में पता लगाने के लिए किया गया था। विशेषज्ञों को यह पता लगाने की जिम्मेदारी भी दी गई है कि इन फ्लाइंग ऑब्जेक्ट्स के मकसद क्या हैं, वे कहां से आए और उनमें कोई जीव मौजूद है या नहीं?
टास्क फोर्स ने जो रिपोर्ट सौंपी है, उसमें 2004 के बाद से धरती पर दिखे 144 यूएफओ या उड़न तश्तरियों के बारे में बताया गया है। हालांकि पूरी रिपोर्ट में कहीं भी इस बात का स्पष्ट जिक्र नहीं है कि इन उड़न तश्तरियों का संबंध दूसरे ग्रहों से आए एलियंस से है या नहीं। हालांकि इसमें एलियंस की संभावना को पूरी तरह से खारिज भी नहीं किया गया है। ये अज्ञात फ्लाइंग ऑब्जेक्ट्स क्यों देखे जाते हैं, इस बारे में भी कोई स्पष्ट कारण नहीं बताया गया है।