Roti Bank: गायों के लिए 'रोटी बैंक' की शुरुआत, हर घर से आती है एक रोटी, यूपी के गोंडा में गोवंश के लिए अच्छी पहल 

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भाषा
Updated Jun 05, 2022 | 19:38 IST

Roti for Govansh: गायों के लिए खाना निकालने की परंपरा हिंदू धर्म में बहुत प्राचीन है, इसी को आगे बढ़ाते हुए उत्तर प्रदेश के गोंडा में  गायों के लिए 'रोटी बैंक' की शुरुआत की गई है।

Roti for Cow
गायों के लिए चारा-पानी की समुचित व्यवस्था ग्राम प्रधान प्रतिनिधि मंसूर अली अंसारी की देखरेख में हो रही है (प्रतीकात्मक फोटो) 

नई दिल्ली:  उत्तर प्रदेश के गोंडा जिले में सदर तहसीलदार की पहल पर मुजेहना विकास खंड के रुद्रगढ़ नौसी ग्राम सभा में गोवंश के लिए 'रोटी बैंक' (Roti Bank) की शुरुआत की गई है और रोजाना हर घर से एक रोटी गायों को खिलाने के लिए आती है। सदर तहसीलदार राजीव मोहन सक्सेना की पहल पर अल्पसंख्यक समुदाय से ताल्लुक रखने वालीं ग्राम प्रधान के पति ने इसकी शुरुआत की। सक्सेना ने बताया कि सदर तहसील में कुल 22 गोशालाएं संचालित हैं, किन्तु मुजेहना विकास खंड के रुद्रगढ़ नौसी में संचालित गोशाला सबसे अलग है। उन्‍होंने बताया कि इस गोशाला में वर्तमान में करीब 400 गोवंश रह रहे हैं और उनके चारा-पानी की समुचित व्यवस्था ग्राम प्रधान प्रतिनिधि मंसूर अली अंसारी की देखरेख में हो रही है।

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सक्सेना ने शनिवार को गोशाला का निरीक्षण किया और उन्होंने हर घर से गायों के लिए एक रोटी का प्रस्ताव रखा। ग्रामीणों को भी यह प्रस्ताव ठीक लगा तो इसके क्रियान्वयन के बारे में पूछताछ की।बाद में ग्राम प्रधान की तरफ से सचिवालय भवन पर गांव के सम्मानित और विशिष्ट व्यक्तियों की एक अनौपचारिक बैठक में रोजाना हर घर से एक रोटी दिए जाने का प्रस्ताव रखा गया।

घरों से एकत्रित की गई रोटियों को ले जाकर गोशाला में जानवरों को खिलाया गया

इस प्रस्ताव को सर्वसम्मति से सभी ने स्वीकार करते हुए शनिवार से ही रोटी देने की शुरुआत कर दी। तहसीलदार ने बताया कि कुछ ही देर में कई घरों से एकत्रित की गई रोटियों को ले जाकर गोशाला में जानवरों को खिलाया गया। उन्होंने कहा कि यह बिल्कुल नई सोच और नया नजरिया है। रुद्रगढ़ नौसी ग्राम सभा में गौशाला की शुरुआत वर्ष 2018 में हुई थी और तबसे यह अनवरत संचालित है।

'बड़े बुजुर्ग बताते थे कि इससे समृद्धि आती है और ऊपर वाले की कृपा बनी रहती है'

रुद्रगढ़ नौसी ग्राम सभा की प्रधान मंसूर अली की पत्‍नी हैं। अली ग्राम प्रधान प्रतिनिधि के रूप में सक्रिय हैं और उन्होंने बताया कि बचपन से ही वह अपने घर और आसपास के घरों में खाना बनाते वक्त देखते आए हैं कि जब घर की महिलाएं खाना बनाने के लिए बर्तन में आटा या चावल निकालती थीं, तो उसमें से एक मुट्ठी आटा और चावल निकालकर अलग कर देती थीं। हफ्ता-दस दिन पर दरवाजे पर आने वाले किसी भिखारी या मुल्ला-मोलवी को वह खाद्यान्न दे दिया जाता था। अली ने कहा कि बड़े बुजुर्ग बताते थे कि इससे समृद्धि आती है और ऊपर वाले की कृपा बनी रहती है।

 गोशाला के लिए रोजाना 10 से 11 क्विंटल भूसा और 75 किलोग्राम पशु आहार की व्यवस्था की जाती है

अली ने कहा उनके ग्राम पंचायत में 1500 घर हैं। प्रधान प्रतिनिधि ने बताया कि वर्तमान में गोशाला के लिए प्रतिदिन 10 से 11 क्विंटल भूसा और 75 किलोग्राम पशु आहार की व्यवस्था की जाती है।उन्होंने कहा कि गोशाला में 385 गोवंश की देखभाल के लिए ग्राम पंचायत के 10 श्रमिकों को लगाया गया है, जिनका 99 दिन का पारिश्रमिक मनरेगा से तथा अन्य दिनों के पारिश्रमिक का भुगतान ग्राम निधि से किया जाता है।

अच्छा कार्य करने वाले ग्राम प्रधानों और पंचायत सचिवों को किया जाएगा 'सम्मानित' 

गोंडा के मुख्य विकास अधिकारी गौरव कुमार ने इस अभियान की सराहना करते हुए कहा कि यह बहुत ही नेक कार्य है। ऐसे कार्यों से दूसरे ग्राम प्रधानों को भी प्रेरणा मिलेगी और वहां की गोशालाओं में भी इस प्रकार के कार्य शुरू किए जा सकेंगे। सीडीओ ने कहा कि अच्छा कार्य करने वाले ग्राम प्रधानों और पंचायत सचिवों को सम्मानित किया जाएगा।

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