भारत की पहली महिला पायलट Sarla Thakral को Google ने कुछ यूं किया याद, साड़ी पहन उड़ाया था विमान

Sarla Thakral: गूगल ने डूडल बनाकर भारत की पहली महिला पायलट सरला ठकराल को श्रद्धांजलि दी है। 1936 में उन्‍होंने विमान उड़ाया था और इसके साथ ही इतिहास रच दिया था।

भारत की पहली महिला पायलट Sarla Thakral को Google ने कुछ यूं किया याद, साड़ी पहन उड़ाया था विमान
भारत की पहली महिला पायलट Sarla Thakral को Google ने कुछ यूं किया याद, साड़ी पहन उड़ाया था विमान  |  तस्वीर साभार: YouTube

नई दिल्‍ली : भारतीय पायलट, डिजाइन और उद्यमी सरला ठकराल (Sarla Thakral) को Google ने उनके 107वें जन्मदिन पर अनूठे अंदाज में बधाई दी है। गूगल ने सरल ठकराल की जयंती पर Doodle बनाकर उन्‍हें श्रद्धांजलि दी है। ठकराल भारत की पहली महिला पायलट रहीं, जिन्‍होंने साड़ी पहनकर विमान उड़ाया था। 1936 में जब उन्‍होंने दो पंखों वाले छोटे से विमान के कॉकपिट में कदम रखा तो इसके साथ ही उन्‍होंने इतिहास रच दिया।

सरला ठकराल को भारत में विमान उड़ाने वाली पहली महिला के तौर पर जाना जाता है। उनका जन्‍म आज ही के दिन (8 अगस्‍त) 1914 में ब्रिटिश भारत में हुआ था। विमान उड़ाने की प्रेरणा उन्‍हें अपने पति पीडी शर्मा से मिली, जो एक प्रशिक्षित पायलट थे। उनके परिवार में नौ सदस्‍य पायलट थे। सरला ठकराल लाहौर फ्लाइंग क्‍लब की सदस्‍य रहीं। महज 16 साल की उम्र में उनकी शादी हो गई थी, लेकिन पारिवारिक जिम्‍मेदारियों के बीच भी उन्‍होंने अपने सपनों को जिंदा रखा।

21 साल की उम्र में रच दिया था इतिहास

सरला ठकराल ने 1936 में उस वक्‍त इतिहास रच दिया, जब उन्‍होंने पहली बार दो पंखों वाले एक छोटे से विमान को उड़ाया। उस वक्‍त उनकी उम्र महज 21 साल थी और वह चार साल की एक बेटी की मां थीं। उन्‍होंने पारंपरिक साड़ी पहने कॉकपिट में कदम रखा था, जिसने दुनिया को संदेश दिया कि आकाश में उड़ान अब केवल पुरुषों का क्षेत्र नहीं रह गया है। हालांकि तीन साल बाद ही उनकी जिंदगी में दुख का पहाड़ टूट पड़ा, जब कैप्‍टन पीडी शर्मा का 1939 में हुए एक विमान हादसे में निधन हो गया।

पति की मौत के बाद सरला ठकराल ने कमर्शियल पायलट के लिए तैयारियां शुरू कर दीं, लेकिन उस वक्‍त द्वितीय विश्‍वयुद्ध का समय था, जिसने उनके करियर पर विराम लगा दिया। सरला ठकराल ने बाद में लाहौर के मायो स्‍कूल ऑफ आर्ट्स से फाइन आर्ट और पेंटिंग में पढ़ाई की, जो अब नेशनल कॉलेज ऑफ आर्ट्स के तौर पर जाना जाता है। 1947 में विभाजन के बाद वह भारत आ गईं। वह दिल्‍ली में रह रही थीं, जहां उन्‍होंने पेंटिंग का अपना काम जारी रखा।

पेंटर, जूलरी डिजाइनर, उद्यमी भी रहीं सरला ठकराल

आगे चलकर उन्‍होंने जूलरी और कपड़ों की डिजानिंग में सफल करियर बनाया। वह एक सफल महिला उद्यमी, पेंटर और कॉस्‍ट्यूम डिजाइनर बनीं। 1948 में उन्‍होंने आर पी ठकराल से शादी की। उनकी गिनती आर्य समाज के समर्पित अनुयायियों में होती है। बताया जाता है कि आर्य समाज से जुड़ने के बाद  ही उनकी दूसरी शादी की संभावना बनी और उन्‍होंने खुद को इसके लिए तैयार किया। 15 मार्च, 2008 को उनका निधन हो गया। गूगल ने आज उन्‍हें उनकी जयंती पर डूडल बनाकर श्रद्धांजलि दी है।

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