Shaheed Diwas Bhagat Singh Jayanti 23 March 2022 Quotes, HD Images, Wallpaper, Poster: हर साल 23 मार्च को शहीद दिवस मनाया जाता है। क्योंकि, इसी तारीख को साल 1931 में महान क्रांतिकारी सुखेदव, भगत सिंह और राजगुरु ने फांसी का फंदा चूमकर देश के लिए अपने प्राण न्योछावर कर दिए थे। तब से इन वीर सूपतों की याद में हर साल 23 मार्च को शहीद दिवस मनाया जाता है। गौरतलब है कि आजादी के लिए ब्रिटिश शासन से भगत सिंह, शिवराम राजगुरु और सुखदेव ने लोहा लिया था। 23 मार्च के अलावा 30 जनवरी को भी शहीद दिवस मनाया जाता है। इस दिन महात्मा गांधी और अन्य स्वतंत्रता सेनानियों को नमन कर उनके बलिदानों को याद किया जाता है। इस शहीद दिवस पर आप भी देशभक्ति से भरपूर इन मैसेज, फोटोज, कविताओं, कोट्स के जरिए शहीदों को नमन करें।
1. शहीदों की चिताओं पर लगेंगे हर बरस मेले,
वतन पर मरनेवालों का यही बाक़ी निशां होगा।
2. मैं जला हुआ राख नहीं, अमर दीप हूं,
जो मिट गया वतन पर मैं वो शहीद हूं।।
3. आइए मिलकर लोकतंत्र का जश्न मनाएं
घर-घर तिरंगा लहराए
देश के प्रति सम्मान जताएं।।
4. फांसी का फंदा भी फूलों से कम न था
वो भी डूब सकते थे इश्क में किसी के
पर, वतन उनके लिए माशूक के प्यार से कम न था।।
5. कुछ नशा तिरंगे की आन का है,
कुछ नशा मातृभूमि की शान का है,
हम लहराएंगे हर जगह ये तिरंगा,
दे सलामी इस तिरंगे को जिस से तेरी शान हैं,
सर हमेशा ऊंचा रखना इसका जब तक दिल में जान हैं।।
6. मुकम्मल है इबादत और मैं वतन ईमान रखता हूं
वतन की शान की खातिर हथेली पर जान रखता हूं
क्यों पढ़ते हो मेरी आंखों में नक्शा किसी और का
देशभक्त हूं दिल में हिंदुस्तान रखता हूं
शहीद दिवस पर शहीदों को नमन।।
7. मुझे ना तन चाहिए, ना धन चाहिए
बस अमन से भरा यह वतन चाहिए
जब तक जिंदा रहूं, इस मातृभूमि के लिए
और जब मरूं तो तिरंगे का कफन चाहिए।
शहीद दिवस पर कविताएं...
- कभी नहीं संघर्ष से,
इतिहास हमारा हारा,
बलिदान हुए जो वीर जवां,
उनको नमन हमारा है।
बिना मतलब के वीरों ने,
दुर्बल को नहीं मारा,
जो शहीद हुए सरहद पर,
उनको नमन हमारा है।
उनकी राहों पर हम इन्हें,
चलना सिखाएंगे,
उनकी गाथा को कल,
ये बच्चे गाएंगे।
पवित्र देश भारत जो,
जन-जन का है प्यारा,
जो बलिदान हुए जो वीर जवां,
उनको नमन हमारा है।
- वीर जवानों की शहादत पर गूंज रहा था सारा देश,
वही भगत सिंह थे, वही राजगुरु और वही थे सुखदेव।
भारत माता की आजादी की खातिर,
धरे थे न जाने उन्होंने कितने ही भेष
लहूलुहान हुई जा रही थी भूमि अपनी,
और बादलों में छाई हुई थी लालिमा।
आजादी-आजादी के स्वरों से गूंज रहा था सारा जहां,
इन वीर शहीदों की कुर्बानी से आंखें सबकी भर आई थी।
जब देश के खातिर उन्होंने अपनी कीमती जान गंवाई थी,
वो कल भी थे वो आज भी है अस्तित्व उनका अमर रहेगा।
कुर्बानियां कल भी होती थीं और ये सिलसिला यूं ही जारी रहेगा,
नमन है उनकी शहादत को, सर झुके है देख के उनका ज़ज्बा।
वीर जवानों की शहादत पर आज भी है, मेरा देश कुर्बान।
- भारत माता के लाल थे वे, आजादी की थी चाह बड़ी,
भारत माता की शान में बस, चल निकले मुश्किल राह बड़ी।
स्वाधीनता के दीवाने थे, गौरों का दम जो निकाला था,
नस-नस में थी आग दौड़ती, खुद को आँधी में पाला था।
इंकलाब की आग देश में, खुद जलकर भी लगाईं थी,
मूँद कर आँखें सोये थे जो, फोड़ कर बम यूँ जगाया था।
सच्चे सपूत थे भारत माँ के, अपना सुख-दुःख सब भूल गए,
माता की बेड़ी तोड़ने को हंसते-हंसते फांसी झूल गए।
वे बड़े अमर बलिदानी थे, फंदे को जिसने चूमा था,
मेरा रंग दे बसंती चोला पर मरते मरते भी झूमा था।
आदर्श बने लाखों युवा के नाम है जब तक है गगन,
सिंह भगत, सुखदेव, गुर है आपको शत-शत नमन।
- हुआ देश का तू दुलारा भगत सिंह,
झुके सर तेरे आगे हमारा भगत सिंह।
नौजवानों के हेतु हुए आप गांधी,
रहे राष्ट्र के एक गुवारा भगत सिंह।
किया काम बेशक है हिंसा का तुमने,
यही दोष है इक तुम्हारा भगत सिंह।
मगर देश हित के लिए जान दे दी,
बढ़ी शान तेरी हमारे दिलों में भगत सिंह।
तेरी देशभक्ति पे सब हैं न्योछावर,
अभय तेरा साहस है न्यारा भगत सिंह।
हुआ देश का तू दुलारा भगत सिंह,
झुके सर तेरे आगे हमारा भगत सिंह।