सनग्लासेस से हम सब वाकिफ हैं। शायद की कोई ऐसा होगा, जिसने इसका इस्तेमाल नहीं किया होगा। कुछ लोग जहां स्टाइल और लुक के लिए इसे पहनते हैं। वहीं, धूप का चश्मा सुरक्षात्मक आईवियर के रूप में काम करता है। जो प्रभावी रूप से तेज धूप को हमारी आंखों को परेशानी या नुकसान पहुंचाने से रोकता है। आज के समय में यह एक फैशन एक्सेसरी भी है। लेकिन, कभी सोचा है कि सनग्लासेस का इस्तेमाल कब से हो रहा है, पहली बार इसका इस्तेमाल कहां हुआ था और पूरी दुनिया में यह किस तरह फेमस हुआ? हो सकता है आप में से ज्यादातर लोगों को इसके बारे में जानकारी ना हो? तो चलिए, आज आपको बता दे हैं सनग्लासेस की खोज कैसे, कहां और कब हुई?
सनग्लासेस का इतिहास काफी पुराना और दिलचस्प है। सनग्लासेस का पहली बार इस्तेमाल 12वीं शताब्दी में हुआ था। सबसे पहले चीन में ही इसकी खोज हुई थी। इसे धुएं के रंग के क्वार्ट्ज से बनाया गया था। बताया जाता है कि इस चश्मे का इस्तेमाल पहली बार वहां के न्यायधीशों ने किया था। ऐसा कहा जाता है कि गवाहों से पूछताछ करते समय अपनी भावनाओं को छिपाने के लिए न्यायाधीशों ने सनग्लासेस का इस्तेमाल किया था। पहले केवल अमीर लोग ही इसका इस्तेमाल करते थे। चीनी अदालतों में यह आम था। न्यायाधीश जब भी कोई फैसला सुनाते या फिर सवाल-जवाब करते तो सनग्लासेस लगा लेते थे, जिससे उनकी भावनाओं को कोई समझ नहीं सके। धीरे-धीर सनग्लासेस चीन में पॉपुलर हो गया।
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इस तरह पूरी दुनिया में फेमस हुआ सनग्लासेस
इसके बाद तकरीबन 1430 में चीनियों ने सनग्लासेस को इटली में पेश किया था। वहीं, 18वीं शताब्दी में जेम्स ऐसकॉफ ने इस चश्मे का इस्तेमाल शुरू किया। उन्हें लगा कि लेंस को हरे या नीले रंग में बदकर लगाने से दृष्टि दोषश को ठीक कर सकते हैं। 20वीं शताब्दी की शुरुआत में सनग्लासे पॉपुलर होने लगा। इसके बाद फिल्म स्टार्स ने इस चश्मे का इस्तेमाल स्टूडियो रोशनी से बचाने के लिए शुरू कर दिया। 1929 में अटलांटिक सिटी के फोस्टर ग्रांट के संस्थापक सैम फोस्टर ने अमेरिका में धूप के चश्मे का बड़े पैमाने पर उत्पादन शुरू किया। अटलांटिक सिटी में बोर्डवॉक पर फोस्टर ग्लास धूप के चश्मे की पहली जोड़ी बेचने के बाद उनके व्यापार में तेजी आई। 1930 के दशक तक यूएसए में सनग्लासेस एक लोकप्रिय फैशन ट्रेंड बन गया था। 1936 में पोलरॉइड कॉरपोरेशन के संस्थापक एडविन लैंड ने पोलेरॉइड फिल्टर का आविष्कार किया था, जिससे चश्मा पहली बार हानिकारक यूवी किरणों से रक्षा कर सके। साथ ही फैशन और आराम के साथ-साथ स्वास्थ्य सहायता के लिए एक कीमती चीज बन सके। इसके बाद में सनग्लासेस में कई तरह के अपडेशन हुए और यह पॉपुलर होता चला गया। आज के समय में लोग गांव-गांव में इसका इस्तेमाल करते हैं।