Teacher's Day Speech, Quotes, History in Hindi 2022: भारत में हर साल 5 सितंबर को टीचर्स डे मनाया जाता है। स्टूडेंट्स और शिक्षकों के लिए इस दिन का खासा महत्व है। क्योंकि, एक शिक्षक ही छात्र को जीवन का सही मार्ग दिखाता है और सच्चाई से रू-ब-रू कराता है। ऐसा कहा जाता है कि शिक्षके मार्गदर्शन के बिना जीवन में सफलता में संभव नहीं है। तभी तो मां-बाप से ज्यादा दर्जा शिक्षक को दिया गया है। लेकिन, क्या आप जानते हैं हर साल पांच सितंबर को ही शिक्षक दिवस क्यों मनाया जाता है। हो सकता है आप में से कुछ लोग इसके बारे में जानते हैं, तो कुछ लोगों को इसके बारे में जानकारी ना हो। तो आइए, जानते हैं शिक्षक दिवस के बारे में कुछ मजेदार और महत्वपूर्ण फैक्ट्स...
Teacher's Day Speech in Hindi 2022: Read Here
टीचर्स डे का इतिहास: शिक्षक दिवस भारत में पहले उप राष्ट्रपति डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन की जयंती यानी पांच सितंबर को मनाया जाता है। दरअसल, एक बार उनसे छात्रों ने पूछा था कि क्या हम इस दिन को सेलिब्रेट कर सकते हैं? जिस पर पूर्व उप राष्ट्रपति ने कहा था कि मेरा जन्मदिन आप लोग मनाना चाहते हैं ये काफी अच्छी और मेरे लिए गर्व की बात है। लेकिन, इस दिन को अगर शिक्षकों के योगदान और समर्पण के तौर पर मनाए तो और भी अच्छा होगा। तभी से ये पांच सितंबर को शिक्षक दिवस के रूप में मनाया जाने लगा। हालांकि, साल 1994 में यूनेस्को ने 5 अक्टूबर को अंतर्राराष्ट्रीय शिक्षक दिवस मनाने की घोषणा की है। लेकिन, भारत में यह पांच सितंबर को ही मनता है। इसके अलावा कई और देशों में भी टीचर्स डे मनाया जाता है।
टीचर्स डे भाषण
अगर आप भी टीचर्स डे पर सबसे अलग और मजेदार भाषण देने की सोच रहे हैं। तो हम आप के लिए कुछ टिप्स लेकर आए हैं। जिससे आपका भाषण शानदार और यादगार हो जाएगा। सबसे पहले शिक्षकों और वहां मौजूद अतिथि के साथ सभी साथियों का स्वागत करें। इसके बाद सभी को शिक्षक दिवस की शुभकामनाएं दें। इसके बाद अपना भाषण शुरू करें।
शिक्षक दिवस को अंग्रेजी में टीचर्स डे भी कहते हैं। इस दिन को हम हर साल 5 सितंबर को बड़े धूम-धाम से मनाते हैं और गुरुओं का आशीर्वाद प्राप्त करते हैं। इस दिन देश के पूर्व राष्ट्रपति डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन का जन्म हुआ था। डॉ. राधाकृष्णन एक विद्वान और बहुत बड़े शिक्षक थे। उन्होंने अपने जीवन के 40 वर्ष एक शिक्षक के रूप में व्यतीत किया और अपने दायित्वों को पूरा किया। शिक्षा के क्षेत्र में उनका बहुत बड़ा योगदान रहा है। उनके शिक्षा के प्रति लगन और शिक्षकों के प्रति आदर को देखते हुए उनके जन्मदिन को शिक्षक दिवस के रूप में मनाया जाने लगा।
हमारे माता-पिता हमें जन्म देते हैं। वहीं शिक्षक हमें सही और गलत का फर्क बता कर हमारे चरित्र का निर्माण करते हैं। शिक्षक सही मार्ग दर्शन के साथ हमारे भविष्य को उज्जवल बनाते हैं। इसलिए कहा जाता है कि शिक्षकों का स्थान हमारे माता-पिता से भी ऊपर होता है। शिक्षा के बिना हम अपने जीवन की कल्पना भी नहीं कर सकते हैं। जिस प्रकार हमारे शरीर को भोजन की आवश्यकता होती है उसी प्रकार हमें जीवन में आगे बढ़ने और ऊंचाइयों को हासिल करने के लिए शिक्षा की जरुरत होती है। हमारे जीवन में शिक्षकों के इस योगदान के लिए हमें अपने शिक्षकों का हमेशा आदर और सम्मान करना चाहिए। इसके बाद सभी का आभार प्रकट करें। कोशिश करें कि भाषण ज्यादा लंबा ना हो बल्कि रोचक हो।
टीचर्स डे कोट्स....
- अक्षर-अक्षर हमें सिखाते शब्द-शब्द का अर्थ बताते, कभी प्यार से कभी डांट से, जीवन जीना हमें सिखाते।
- हमें शिक्षित करने के लिए कड़ी मेहनत और प्रयत्न के लिए हम आपके सदा आभारी रहेंगे।
- मां-बाप की मूरत है गुरु, इस कलयुग में भगवान की सूरत है गुरु।
- शिक्षक हमें अपना लक्ष्य पाने के योग्य बनाते हैं।
- गुरु तेरे उपकार का, कैसे चुकाऊं मैं मोल, लाख कीमती धन भला, गुरु हैं मेरे अनमोल।
- शिक्षक ज्ञान का बीज रोपते हैं, जो जीवन भर रहता है।
- आपसे ही सीखा आपसे ही जाना, आप ही को हमने गुरु है माना।
- बुद्धिमान को बुद्धि देता अज्ञानी को ज्ञान, शिक्षक ही बना सकता है इस देश को महान।
- गुरु बिना ज्ञान कहां, उसके ज्ञान का न अंत यहां, गुरु ने दी शिक्षा जहां, उठी शिष्टाचार की मूरत वहां।
- शिक्षक के पास ही वो कला है, जो मिट्टी को सोने में बदल सकती है।
- जो गुरु शिष्य को एक अक्षर का भी ज्ञान देता है, उसके ऋण से मुक्त होने के लिए उसे देने योग्य पृथ्वी में कोई पदार्थ नहीं है।
- कोई भी शिक्षक कभी साधारण नहीं होता, प्रलय और निर्माण उसकी गोद में पलते हैं।
- अगर किसी देश को भ्रष्टाचार मुक्त और सुन्दर-मन वाले लोगों का देश बनाना है, तो मेरा दृढ़तापूर्वक मानना है कि समाज के तीन प्रमुख सदस्य ये कर सकते हैं- पिता, माता और गुरु।
- तुम्हे अन्दर से बाहर की तरफ विकसित होना है। कोई तुम्हे पढ़ा नहीं सकता, कोई तुम्हे आध्यात्मिक नहीं बना सकता। तुम्हारी आत्मा के आलावा कोई और गुरु नहीं है।
- मैं जीने के लिए अपने पिता का ऋणी हूं, पर अच्छे से जीने के लिए अपने गुरु का।
- जन्म देने वालों से अच्छी शिक्षा देने वालों को अधिक सम्मान दिया जाना चाहिए, क्योंकि उन्होंने तो बस जन्म दिया है, पर उन्होंने जीना सीखाया है।