कहते हैं कि आप में किसी की मदद का जज्बा है तो उसके लिए साधन आपके पास आ ही जाते हैं, जी हां कुछ ऐसा ही जज्बा दिखाया है केरल के कोच्चि में पड़ने वाले थोप्पुमद्य गांव की दो टीचरों ने, दरअसल वो बेघरों की समस्या को लेकर खासी परेशान थीं और उनके लिए कुछ ऐसा करना चाहती थीं जिससे उनकी जिंदगी आसान हो सके।
इसी विचार को ध्यान में रखते हुए उनको ये ख्याल आया कि क्यों ऐसे लोग जिनके पास अपनी छत नहीं है उन्हें वो देने की कोशिश की जाए, अब सवाल ये था कि इसके लिए पैसा कहां से आएगा, इसका भी समाधान निकल आया।
केरल के कोच्चि में पड़ने वाले थोप्पुमद्य के एक स्कूल की प्रधानाचार्य सिस्टर लिजी चक्कलकल और उनकी एक साथी टीचर ने स्कूल के टीचर्स कुछ ऐसे स्टूडेंट जो पैसे से सम्पन्न थे साथ ही कुछ और लोगों की मदद से इस नेक कार्य को अंजाम दिया और लोगों की मदद से उन्होंने पूरे 150 घर बनवाए डाले, कई लोगों ने पैसों से मदद की साथ कुछ ने अपनी जमीनें भी दान में दी, जिन पर ये घर बनवाए गए।
सिस्टर लिजी ने बताया कि स्कूल के एक ऐसे छात्र जिसके पास रहने के लिए घर नहीं था उसकी मदद को उन्होंने चंदे से रकम जमा की और उसे घर बनवा कर दिया, बस फिर क्या था फिर तो ये उनका जूनून ही हो गया कि कैसे बेघरों को घर दिए जाएं, मंशा अच्छी थी तो ये सिलसिला चल निकला और आगे भी जारी है।