अब तक 78 बार कोरोना पॉजिटिव आ चुका है ये शख्स, कोविड को लेकर बनाया अनोखा रिकॉर्ड

कोरोना वायरस को लेकर एक ऐसा मामला सामने आया है, जिसने सबको चौंका दिया है। तुर्की का रहने वाला एक शख्स 14 महीने से कोरोना पॉजिटिव है। आलम ये है कि वो लगातार हॉस्पिटल में ही है।

Turkish man Muzaffer Kayasan never recovered covid 19 from November 2020 set record
14 महीने से कोरोना पॉजिटिव है यह शख्स 
मुख्य बातें
  • पूरी दुनिया में कोरोना वायरस के कारण हाहाकार मचा हुआ है
  • एक शख्स पिछले 14 महीने से कोरोना पॉजिटिव है
  • घरवालों से मिलने के लिए तरस गया है तुर्की का नागरिक

Coronavirus: पूरी दुनिया में कोरोना वायरस (COVID-19) का कहर लगातार जारी है। पिछले कुछ साल से इस वायरस ने हाहाकार मचा रखा है। दुनियाभर में करोड़ों लोग इस वायरस की चपेट में अब तक आ चुके हैं और अपनी जान गंवा चुके हैं। कई लोग ऐसे भी हैं, जो दो से चार बार इस वायरस की चपेट में आ चुके हैं। लेकिन, एक शख्स ऐसा भी है जो 10 , 20 बार नहीं बल्कि  78 बार कोरोना पॉजिटिव हुआ है और एक साल से ज्यादा समय से वो क्वारंटाइन है। तो आइए, जानते हैं इस शख्स के बारे में...

ये मामला भारत का नहीं बल्कि तुर्की का है। इस शख्स का नाम मुजफ्फर कायासन (56 साल) है। बताया जा रहा है कि विगत 14 महीने से उसकी कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव आ रही है। साल 2020 के नवंबर में उसे कोरोना हुआ था। तब से लेकर अब तक वो लगातार आइसोलेशन में है। उसे हमेशा एक ही बात का इंतजार रहता है कि आखिर वो घर जाएगा। लेकिन, किस्मत उसका साथ नहीं दे रही है और लगातार उसे आइसोलेशन में रहना पड़ रहा है। पहली बार जब उसकी रिपोर्ट पॉजिटिव आई थी तो कुछ दिन तक हॉस्पिटल में रहना पड़ा था। कुछ सुधार भी हुआ, लेकिन रिपोर्ट पॉजिटिव ही आई।  

ये भी पढ़ें -  Viral Video: पैसे बचाने के लिए लड़के ने भिड़ाया ऐसा जुगाड़, देखकर लोगों की बत्ती हो गई गुल

कोरोना को लेकर बनाया अनोखा रिकॉर्ड

रिपोर्ट के अनुसार, कायासन ने पश्चिमी एशिया एशिया में कोरोना को लेकर यह अनोखा रिकॉर्ड भी बना दिया है। क्योंकि, इतनी बार किसी और की कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव नहीं आई है। कायासन काफी समय से अलग-थलग जिंदगी बिता रहे हैं। वह अपने पोते-पोतियों को एक खिड़की के माध्यम से और वीडियो कॉल पर ही देख पाते हैं। लेकिन, दिली इच्छा है कि वो अपने परिवारवालों से मिल सके। उनका कहना है कि मैं परिवार को लेकर काफी असहाय महसूस करता है और मुझे कोई तकलीफ नहीं है। डॉक्टर्स का कहना है कि उन्हें ल्यूकेमिया यानी एक तरह का ब्लड कैंसर है, जिसके कारण व्हाट ब्लड सेल्स कम हो जाते हैं। यही कारण है कि उनके शरीर से कोरोना वायरस खत्म नहीं हो पा रहा है।

अगली खबर