Unique Wedding: देश में इन दिनों शादियों का सीजन चल रहा है और आम तौर पर शादी समारोह में लोग अपनी हैसियत और ताकत का प्रदर्शन करने से नहीं चूकते। लेकिन, मगर मध्य प्रदेश के बैतूल जिले में एक चिकित्सक ने अपने विवाह समारोह में सादगी की मिसाल पेश की। डॉक्टर ने अपनी बारात बैलगाड़ी पर निकाली। बताया जा रहा है कि दूल्हा और बारातियों ने करीब तीन किलो मीटर का सफर बैलगाड़ी से ही तय किया। आलम ये है कि इस शादी की हर तरफ चर्चा हो रही है।
जानकारी के मुताबिक, बैतूल के चिचोली विकास खंड का असाढ़ी गांव आदिवासी बाहुल्य है। यहां के डॉ. राजा धुर्वे की शादी थी और उन्होंने आदिवासी समाज की परंपरा और सादगी से अपनी शादी करने का फैसला लिया। डॉक्टर ने अपनी बारात बैलगाड़ी से निकाली। इसके लिए बैलगाड़ी को आकर्षक रुप दिया। इस बैलगाड़ी की चमक के आगे लग्जरी कार और बग्घियां भी फीकी दिखाई दीं। इस मौके पर डॉक्टर राजा धुर्वे का कहना था कि अपने सामाजिक, सांस्कृतिक मूल्यों को सहेजने और लोगों को महंगाई के दौर में सादा जीवन-उच्च विचार सिखाने का इससे अच्छा मौका नहीं हो सकता था। उनके मुताबिक महंगाई के इस दौर में बैलगाड़ी सबसे सस्ता सुलभ और प्रदूषणमुक्त साधन है। बैलगाड़ी ग्रामीण सभ्यता संस्कृति की पहचान है। इसलिए अपनी संस्कृति को पुनर्जीवित करने के लिए उन्होंने बैलगाड़ी पर बारात ले जाने का फैसला किया।
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डॉक्टर ने कायम की मिसाल
इस अनूठी बारात में बैलगाड़ी को खास जनजातीय, लोक-कलाओं से सजाया गया था। दूल्हे की बैलगाड़ी के पीछे चार बैलगाडियां थी। इनमें बच्चों और महिलाओं को बैठाया गया था। बारात में जनजातीय लोक नृत्य और लोक वाद्य शामिल किए गए थे, जो आमतौर पर किसी शादी में देखने को नहीं मिलते। ग्राम असाढ़ी से बैलगाड़ी में निकले दूल्हे राजा जब तीन किलोमीटर दूर दूधिया गांव में अपनी दुल्हन को लेने पहुंचे तो लोग खुशी से झूम उठे। अब इस शादी की तस्वीर सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है और लोग जमकर तारीफ कर रहे हैं।