Inspirational Story: बहुत पुरानी कहावत है दुनिया में इंसानियत से बड़ा कोई धर्म नहीं। कई लोग इस धर्म का पालन करने के लिए अपना सबकुछ दांव पर लगा देते हैं। केरल से एक ऐसा ही मामला सामने आया है, जिसकी हर तरफ चर्चा हो रही है। यहां एक गांव के लोगों ने एक मासूम बच्ची के लिए 'पैसों की बारिश' कर दी। इस बात पर हो सकता है आपको यकीन ना हो रहा हो, लेकिन यह सच है। तो आइए, जानते हैं क्या है पूरा मामला?
जानकारी के मुताबिक, केरल के कोझीकोड जिले स्थित एक गांव में स्पाइनल मस्कुलर एट्रोफी (एसएमए) से पीड़ित 9 महीने की बच्ची सिया फातिमा के इलाज के लिए 18 करोड़ रुपए इकट्ठा कर लिया। इस दुर्लभ बीमारी की दवा अमेरिका से मंगानी पड़ती है और एक खुराक की कीमत 18 करोड़ रुपए है। जोल्गेन्स्मा एक जीन थेरेपी दवा है और इसकी एक खुराक बीमारी को ठीक कर देगी। सियाद और फजीला की बेटी सिया को जन्म के तीन महीने बाद से ही चलने-फिरने में दिक्कत होने लगी। बच्ची को मालाबार इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज (एमआईएमएस) ले जाया गया जहां डॉक्टरों ने उसे स्पाइनल मस्कुलर एट्रोफी (एसएमए) से पीड़ित बताया। बेंगलुरू और तिरुवनंतपुरम में बाद के परीक्षणों ने पुष्टि की कि बच्ची टाइप 1 एसएमए से पीड़ित थी।
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गांव वालों ने जुटाए पैसे
सिया के पिता सियाद ने बताया कि बच्ची को सिर ऊपर करने में दिक्कत हो रही है और उसे खाने और स्तनपान कराने में भी परेशानी हो रही है। कोझिकोड जिले के चोरोड गांव के लोगों ने सोमवार को एक सभागार में एक विशाल सम्मेलन आयोजित किया जिसमें धन जुटाया गया। आलम ये है कि इस काम के लिए गांव वालों की काफी तारीफ हो रही है।