Tool Kit Row: आखिर ये टूलकिट है क्या, किस तरीके से आती है काम में, जानें ये सब 

What is the Toolkit: किसानों के आंदोलन को लेकर जलवायु कार्यकर्ता ग्रेटा थनबर्ग ने टूलकिट को सोशल किया, इस विवाद के बीच लोगों के जेहन में है कि आखिर ये टूलकिट है क्या और कैसे काम करती है।

toolkit
आमतौर पर टूलकिट का आमतौर पर इस्तेमाल किसी भी प्रदर्शन को लेकर जागरुकता फैलाने में होता है 
मुख्य बातें
  • टूलकिट को लेकर ये विवाद थमता नहीं दिख रहा है
  • किसान आंदोलन से जुड़े गतिविधियों में समन्वय बनाने के लिए एक ग्रुप बनाया गया
  • दिशा रवि और ग्रेटा थनबर्ग के बीच बातचीत के चैट्स सार्वजनिक हुए हैं

टूलकिट विवाद के बीच दिशा रवि (Disha Ravi) को गत शनिवार को बेंगलुरु से गिरफ्तार किया गया था और दिल्ली की एक अदालत ने उसे रविवार को पांच दिन की पुलिस हिरासत में भेज दिया, दिशा रवि पर आरोप लगाया गया है कि उन्होंने किसान आंदोलन के समर्थन में बनाई गई टूलकिट (Toolkit) को एडिट किया है और उसे सोशल मीडिया पर शेयर किया है, यह वही टूलकिट है, जिसे स्वीडिश जलवायु कार्यकर्ता ग्रेटा थनबर्ग ने सोशल किया, टूलकिट को लेकर  ये विवाद थमता नहीं दिख रहा है और इसमें अभी कई खुलासे होने हैं, आखिर ये  टूलकिट है क्या,कैसे काम करती है ये और इसका प्रभाव कहां तक हो सकता है जानते हैं ये सब...

'टूलकिट' मामले में दिल्ली पुलिस ने जांच करते हुए केस के आरोपियों पर अपना शिकंजा कसना शुरू कर दिया है। इसी क्रम में दिल्ली पुलिस ने मंगलवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग एप जूम को पत्र लिखा और 26 जनवरी की हिंसा से पहले हुई उस बैठक का ब्योरा मांगा है जिसमें पोयटिक जस्टिस फाउंडेशन के संस्थापक एमओ धालीवाल शामिल हुए थे।

क्या है टूलकिट विवाद? (What is ToolKit Row)

विवादास्पद 'टूलकिट' मामले से जुड़ी क्लाइमेट एक्टिविस्ट निकिता जैकब ने स्वीकार किया है कि गणतंत्र दिवस के पहले हुई जूम एप पर इन लोगों की एक बैठक हुई थी और इस बैठक में पोयटिक जस्टिस फाउंडेशन के फाउंडर एमओ धालीवाल और दिशा रवि सहित अन्य एक्टिविस्ट शामिल हुए थे। 

सूत्रों ने कहा, 'किसान आंदोलन से जुड़े गतिविधियों में समन्वय बनाने के लिए एक ग्रुप बनाया गया। इस ग्रुप को 'इंटरनेशनल फॉर्मर्स स्ट्राइक' नाम दिया गया।' सूत्रों का कहना है कि इस ग्रुप में 10 से ज्यादा लोग शामिल थे लेकिन मामले के तूल पकड़ने पर दिशा ने इस ग्रुप से लोगों के नंबर डिलीट कर दिए। दिशा और ग्रेटा थनबर्ग के बीच बातचीत के चैट्स सार्वजनिक हुए हैं। 

इस चैट में दिशा स्वीडन की पर्यावरण एक्टिविस्ट से कहती है, 'इस टूलकिट को जरा भी ट्वीट नहीं करना है और इस बारे में कोई भी बात नहीं करनी है। मैं वकीलों से बात करने जा रही हूं। मुझे अफसोस है कि इस टूलकिट पर हम लोगों के नाम हैं। हम लोगों के खिलाफ गैर-कानूनी गतिविधियां निवारण कानून (UAPA) लग सकता है।'

आखिर ये टूलकिट है क्या (What is ToolKit)-

कहा जाता है कि आमतौर पर टूलकिट का आमतौर पर इस्तेमाल किसी भी प्रदर्शन को लेकर जागरुकता फैलाने,प्रदर्शनकारियों को इकट्ठा करने और उस आंदोलन की रणनीति विशेष को बनाने के लिए किया जाता है और इसे खासा प्रभावी टूल माना जाता है।इसका इस्तेमाल सोशल मीडिया के संदर्भ में होता है, वैसे ToolKit किसी भी मसले या किसी भी मुद्दे को समझाने के लिए बनाया गया एक डॉक्यूमेंट होता है जिसमें दर्ज होता है कि किसी समस्या के हल के के लिए क्या-क्या किया जाना चाहिए?  इसमें कुछ जरूरी एक्शन के बिंदु भी दर्ज होते हैं, जिन्हें टूलकिट कहते हैं।

साथ ही किसी अहम आंदोलन में इसमें ये भी बतााया जाता है कि आंदोलन के खिलाफ पुलिस अगर एक्शन लेती है तो क्या करना है साथ ही सोशल मीडिया पर पोस्ट डालते वक्त किन बातों का ध्यान रखना है इसकी जिक्र इसमें होता है वहीं कोई परेशानी आने पर किससे संपर्क करना है इसको भी इसमें कई बार मेंशन किया जाता है।

अमेरिका का 'एंटी-लॉकडाउन प्रोटेस्ट' हो या 'ब्लैक लाइव्स मैटर' हो दुनिया भर में जो अहम आंदोलन अब हो रहे हैं उसमें अधिकतर में आंदोलनों से जुड़े लोग टूलकिट के जरिए ही 'एक्शन पॉइंट्स' तैयार करते हैं, और आंदोलनों को आगे बढ़ाते हैं।

अगली खबर