World Refugee Day: जानिए क्यों मनाया जाता है विश्व शरणार्थी दिवस, पढ़ें इस मौके पर ये मोटिवेशनल कोट्स

World Refugee Day: दुनिया में बड़ी संख्या में ऐसे लोग हैं जिनके रहने का कोई एक ठिकाना नहीं है वे एक जगह से दूसरे जगह पर भटकते रहते हैं। 

world refugee day
वर्ल्ड रिफ्यूजी डे 
मुख्य बातें
  • हर साल 20 जून को विश्व शरणार्थी दिवस मनाया जाता है
  • संयुक्त राष्ट्र में शरणार्थियों की मदद के लिए अलग से इसकी एक संस्था बनाई गई है
  • युद्ध, आपदा, हिंसा के कारण एक जगह से दूसरी जगह पलायन करने वाले शरणार्थी कहलाते हैं

दुनिया में बड़ी संख्या में ऐसे लोग हैं जिनके रहने का कोई एक ठिकाना नहीं है वे एक जगह से दूसरे जगह पर भटकते रहते हैं। वर्ल्ड रिफ्यूजी डे को वर्ल्ड शरणार्थी डे कहा जाता है। रिफ्यूजी या शरणार्थी उन्हें कहा जाता है जिन्हें युद्ध, प्रताड़ना, आपदा, बाढ़, संघर्ष, महामारी, पलायन, हिंसा इन सबमें से किसी भी वजह से एक जगह को छोड़कर दूसरी जगह पर जाने को मजबूर होना पड़ता है। 

दिसंबर 2000 में संयुक्त राष्ट्र ने 20 जून को विश्व शरणार्थी दिवस मनाने का निर्णय लिया था। तब से लेकर हर साल 20 जून को विश्व शरणार्थी दिवस मनाया जाता है। संयुक्त राष्ट्र में इसके लिए एक संस्था भी बनाई गई है जिसका नाम है United Nations High Commissioner for Refugees (UNHCR) है, जो विश्व भर के शरणार्थियों के मदद का काम करती है। 

शरणार्थी दिवस पर कोट्स-

Hindi कोट्स

हर लम्हा एक मोहाजिर है आया था जो आया फिर है,
तब के तबक़े से बेदख़ल अब के क़स्बे में हाज़िर है।
 

English कोट्स

Refugees are not terrorists. They are often the first victims of terrorism. (António Manuel de Oliveira Guterres)

A refugee is someone who survived and who can create the future. (Amela Koluder)

No one puts their children in a boat unless the water is safer than the land. (Warsan Shire)

Injustice anywhere is a threat to justice everywhere. (Martin Luther King Jr.)

No one leaves home unless home is the mouth of a shark. (Warsan Shire)

क्यों मनाया जाता है विश्व शरणार्थी दिवस

यह दिवस इन शरणार्थियों के साहस, संकल्प और शक्ति के प्रति सम्मान जताने के लिए मनाया जाता है। ताकि हर किसी का ध्यान इनकी तरफ जाए और हर कोई इनकी जरूरतों व इनकी मजबूरी मुश्किलों को समझकर मदद के लिए आगे आएं और इनकी समस्या का कोई हल निकाल सकें। 

संयुक्त राष्ट्र की संस्था यूएनएचआरसी ये सुनिश्चित करने का काम करती है कि कोई भी इंसान अमान्य नहीं होता है। हर इंसान की अपनी कीमत होती है और हर इंसान अपने आप में सम्मान पाने के लायक होता है। इसलिए अगर कोई भी युद्ध, हिंसा, आपदा जैसी समस्या के चलते पलायन करने पर मजबूर होता है तो उसका अपमान करने का अधिकार किसी को नहीं है। उसकी मदद की जानी चाहिए और उनकी समस्याओं का हल निकालने की कोशिश की जानी चाहिए।

यूएनएचआरसी के मुताबिक हर शरणार्थी को आम इंसान के जैसे ही सम्मानपूर्वक जीवन जीने का अधिकार है। उन्हें भी बाकियों के जैसे् घर, भोजन व शिक्षा जैसी बुनियादी जरूरतों का लाभ उठाने का अधिकार है। उनकी इन्हीं जरूरतों को पूरा करने का काम यूएनएचआरसी करती है ताकि वे मानवीय अधिकारों से वंचित ना रह सकें।

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