वर्ल्ड टीचर्स डे ( World Teachers Day) के दिन आध्यापकों को सामान्य रूप से और कतिपय कार्यरत एवं सेवानिवृत्त शिक्षकों को उनके विशेष योगदान के लिये सम्मानित किया जाता है।इसे संयुक्त राष्ट्र द्वारा साल 1966 में यूनेस्को और अंतर्राष्ट्रीय श्रम संगठन की हुई उस संयुक्त बैठक को याद करने के लिये मनाया जाता है जिसमें अध्यापकों की स्थिति पर चर्चा हुई थी और इसके लिये सुझाव प्रस्तुत किये गये थे।
इसे 1994 के बाद से हर साल लगभग सौ से अधिक देशों में मनाया जा रहा है। प्रत्येक वर्ष 5 अक्टूबर को 'अंतरराष्ट्रीय शिक्षक दिवस' मनाया जाता है। 5 अक्टूबर, 1966 को पैरिस में अंतरसरकारी सम्मेलन का आयोजन हुआ था जिसमें 'टीचिंग इन फ्रीडम' संधि पर हस्ताक्षर किया गया था बताते हैं कि इस संधि में शिक्षकों के अधिकार एवं जिम्मेदारी, भर्ती, रोजगार, सीखने और सिखाने के माहौल से संबंधित सिफारिशें की गई थीं।
अलग-अलग देशों में शिक्षक दिवस अलग-अलग तारीखों पर मनाये जाते हैं। भारत में यह भूतपूर्व राष्ट्रपति सर्वपल्ली राधाकृष्णन के जन्म दिन 5 सितंबर को मनाया जाता है।
वहीं चीन में 1931 में शिक्षक दिवस की शुरूआत की गई थी और बाद में 1939 में कन्फ्यूशियस के जन्म दिन, 27 अगस्त को शिक्षक दिवस घोषित किया गया लेकिन 1951 में इसे रद्द कर दिया गया। फिर 1985 में 10 सितम्बर को शिक्षक दिवस घोषित किया गया लेकिन वर्तमान समय में ज्यादातर चीनी नागरिक चाहते हैं कि कन्फ्यूशियस का जन्म दिन ही शिक्षक दिवस हो।
इसी तरह रूस में 1965 से 1994 तक अक्टूबर महीने के पहले रविवार के दिन शिक्षक दिवस मनाया जाता था। जब साल 1994 से विश्व शिक्षक दिवस 5 अक्टूबर को मनाया जाना शुरू हुआ तब इसके साथ समन्वय बिठाने के लिये इसे इसी दिन मनाया जाने लगा।
संयुक्त राष्ट्र में विश्व शिक्षक दिवस को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर मनाने के लिए साल 1994 में 100 देशों के समर्थन से यूनेस्को की सिफारिश को पारित कर दिया गया। इसके बाद 5 अक्टूबर 1994 से अंतर्राष्ट्रीय शिक्षक दिवस मनाया जाने लगा। वैसे अलग-अलग देशों में अलग तारीखों को शिक्षक दिवस मनाया जाता है।
भारत में 5 सितम्बर को सर्वपल्ली राधाकृष्णन की याद में शिक्षक दिवस (Teacher Day)मनाया जाता है जिसका कारण भारत में शिक्षकों के महत्व को बढ़ावा देना होता है जबकि विश्व शिक्षक दिवस (World Teachers Day) दुनिया में शिक्षा का महत्व और शिक्षा का महत्व बताने में शिक्षक की भूमिका और उसकी जिम्मेदारियों को समझाने के लिए मनाया जाता है।
बताते हैं कि एक बार राधा कृष्णन के कुछ शिष्यों ने मिलकर उनका जन्मदिन मनाने का सोचा। इसे लेकर जब वे उनसे अनुमति लेने पहुंचे तो राधा कृष्णन ने उन्हें कहा कि मेरा जन्मदिन अलग से सेलिब्रेट करने के बजाय शिक्षक दिवस के रूप में मनाया जाए तो मुझे गर्व होगा तभी से 5 सितंबर 'शिक्षक दिवस' के रूप में मनाया जाने लगा वहीं 'विश्व शिक्षक दिवस' 5 अक्टूबर को हर साल मनाया जाता है।