गजब! वेलेंटाइन डे पर स्कूल में छात्राओं से दिलाई शपथ-'लव मैरिज नहीं करूंगी'

Amravati students love marriage oath : लड़कियों ने शपथ ली कि मेरे माता-पिता यदि सामाजिक बाध्यताओं को चलते मेरी शादी दहेज देकर करते हैं और इसके बाद जब मैं मां बनूंगी तो मैं अपने बच्चों के लिए दहेज नहीं लूंगी।

Amravati students made to take ‘Won’t do love marriage’ oath on Valentine’s day eve
महाराष्ट्र के अमरावती में छात्राओं को दिलाई अजीबो-गरीब शपथ। 
मुख्य बातें
  • महाराष्ट्र के अमरावती के एक स्कूल में छात्राओं से दिलाई गई लव मैरिज न करने की शपथ
  • 'मजबूत एवं स्वस्थ भारत' की शपथ लेते हुए महिला कला वाणिज्य महाविद्यालय की लड़कियों ने कसम खाई
  • प्रोफेसर ने बताया कि शपथ लेने की बात अनिवार्य नहीं थी। हमने किसी पर इसे थोपा नहीं

नई दिल्ली: महाराष्ट्र के अमरावती के एक स्कूल में एक अजीबो-गरीब घटना सामने आई है। यहां वेलेंटाइन डे के मौके पर अध्यापकों ने लड़कियों को लव मैरिज न करने की शपथ दिलाई है। गुरुवार को 'मजबूत एवं स्वस्थ भारत' की शपथ लेते हुए महिला कला वाणिज्य महाविद्यालय की लड़कियां यह कहते हुए सुनी गईं कि 'मैं इस बात की शपथ लेती हूं कि मेरा अपने माता-पिता में पूरा विश्वास है। अपने आस-पास की घटनाओं को देखते हुए मैं यह शपथ लेती हूं कि मैं प्रेम में नहीं पड़ूंगी और लव मैरिज नहीं करूंगी। साथ ही मैं दहेज मांगने वाले लड़के के साथ शादी नहीं करूंगी।'

लड़कियों ने आगे शपथ ली, 'मेरे माता-पिता यदि सामाजिक बाध्यताओं को चलते मेरी शादी दहेज देकर करते हैं और इसके बाद जब मैं मां बनूंगी तो मैं अपने बच्चों के लिए दहेज की मांग नहीं करूंगी। मैं अपनी बेटी के लिए भी दहेज नहीं दूंगी। मैं यह शपथ एक मजबूत एवं स्वस्थ भारत के लिए ले रही हूं।' स्कूल के अध्यापकों ने 'युवाओं के समक्ष चुनौतियां' विषय पर चर्चा का आयोजन किया था। इस दौरान एनएसएस में हिस्सा लेने वाली 100 में से 40 लड़कियों ने यह शपथ लिया।

स्कूल के प्रिंसिपल राजेंद्र हावड़े ने कहा कि महिलाओं के खिलाफ अपराध पर रोक लगाने के लिए इस तरह के शपथ का विचार आया। इससे लड़कियां अपनी पढ़ाई पर ध्यान केंद्रित करेंगी और अपनी शादी के बारे में बाद में सोचेंगी। प्रिंसिपल ने कहा, 'कोई भी प्रेम के खिलाफ नहीं है लेकिन युवाओं को प्रेम और लैंगिक आकर्षण के बीच फर्क को समझना होगा। अभिभावक अपने बच्चों को पढ़ने के लिए भेजते हैं और लड़कियां किसी के साथ भाग जाती हैं। इसलिए यह हमारा कर्तव्य है कि हम छात्राओं को उनकी जिम्मेदारियों एवं उनके करियर के बारे में सचेत करें।'

राजनीतिक विज्ञान के प्रोफेसर प्रदीप दांडे ने कहा, 'मैंने लड़कियों से पूछा कि वे प्रेम विवाह के लिए आकर्षित क्यों होती हैं? लड़कियां प्रेम विवाह के लिए घर छोड़कर भाग क्यों जाती हैं? क्या उन्हें अपने माता-पिता में विश्वास नहीं है? लड़कियों से इस तरह का शपथ दिलाने का विचार चर्चा के दौरान मेरे दिमाग में आया।' प्रोफेसर ने बताया कि शपथ लेने की बात अनिवार्य नहीं थी। हमने किसी पर इसे थोपा नहीं। लड़कियों ने अपनी सहमति से शपथ ली। 
 

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