संयुक्त राष्ट्र शरणार्थी एजेंसी (UNHCR) ने इण्डोनेशिया के तट के पास समुद्र में फंसे रोहिंग्या शरणार्थियों के समूह तक तत्काल, जीवनरक्षक सहायता पहुंचाने और उन्हें नाव से सुरक्षित उतारे जाने की पुकार लगाई है। यूएन शरणार्थी एजेंसी ने बुधवार को एक वक्तव्य जारी करते हुए, नाव पर सवार लोगों की सुरक्षा व सलामती के प्रति गहरी चिन्ता जताई। इस नाव को पहली बार इण्डोनेशिया के आछेह प्रान्त के बिरेयूएन में रविवार को देखा गया था।
स्थानीय मछुआरों से प्राप्त तस्वीरों व जानकारी के मुताबिक, जहाज पर बड़ी संख्या में लोग सवार हैं, जिनमें अनेक महिलाएं व बच्चे हैं। बताया गया है कि नाव में रिसाव हो रहा है, उसका इंजन भी क्षतिग्रस्त हो गया है और बेहद खराब मौसम में उसके डूबने का जोखिम है। खबरों के अनुसार, स्थानीय अधिकारियों, पुलिस और नौसेना की मदद से, पीड़ितों तक भोजन, दवाएं और एक नया इंजन और टैक्नीशियन पहुंचाया गया है।
नाव की मरम्मत के बाद इसे फिर से अन्तरराष्ट्रीय जलक्षेत्र में भेजे जाने की सम्भावना है। यूएन एजेंसी ने अनावश्यक ढंग से जानमाल की हानि को टालने के इरादे से, इण्डोनेशियाई सरकार से जहाज पर सवार लोगों को सुरक्षित ढंग से उतारने की अनुमति देने का आग्रह किया है।
अगस्त 2017 में पश्चिमी म्यांमार में पुलिस चौकियों पर हमलों के बाद, अल्पसंख्यक, मुख्यत: मुसलमान, रोहिंज्या समुदाय के विरुद्ध सेना ने कार्रवाई की। अगले कुछ सप्ताहों के दौरान, लगभग सात लाख रोहिंज्या मुसलमान व अन्य समुदायों के लोग अपने घर छोड़कर सुरक्षा की तलाश में बांग्लादेश पहुंच गए।
यूएन एजेंसी का कहना है कि शरणार्थी संरक्षण के मुद्दे पर 2016 की राष्ट्रपति नियामन संख्या 125 के तहत, सरकार के पास इण्डोनेशिया के क़रीब फंसे शरणार्थियों को बचाने का प्रावधान है। इन प्रावधानों को वर्ष 2018, 2020 और इस वर्ष जून में इस्तेमाल में लाया गया था, जब 81 रोहिंज्या शरणार्थियों को पूर्वी आछेह प्रान्त से बचाया गया। यूएन एजेंसी ने कहा है कि अनेक वर्षों से इण्डोनेशिया ने शरणार्थी संरक्षण के मुद्दे पर अन्य देशों के लिये एक उदाहरण प्रस्तुत किया है। शरणार्थी संगठन ने उम्मीद जताई है कि इस मानवीय भावना को फिर से दर्शाया जाएगा।