DGCA: डीजीसीए ने शुक्रवार को दिव्यांग लोगों को प्लेन में चढ़ने को लेकर संशोधित नए नियमों का ड्राफ्ट जारी किया है। नए नियम के तहत एयरलाइन कंपनियां किसी भी दिव्यांग व्यक्ति को प्लेन में चढ़ने से इनकार नहीं कर सकती हैं, क्योंकि ऐसा करना अवैध होगा। हालांकि अगर किसी एयरलाइन को लगता है कि ऐसे दिव्यांग यात्री का स्वास्थ्य उड़ान के दौरान खराब हो सकता है, तो उस यात्री की एक डॉक्टर की ओर से जांच की जाएगी, जो उसकी मेडिकल कंडीशन और उड़ान भरने के लिए फिट है या नहीं, ये साफ तौर से बताएगा। डॉक्टर से मेडिकल राय लेने के बाद एयरलाइन को फैसला लेना होगा कि उसे प्लेन में चढ़ने दिया जाए या नहीं।
रांची एयरपोर्ट पर सात मई को रोका गया था दिव्यांग बच्चा
Ranchi: इंडिगो ने दिव्यांग बच्चे को उड़ान भरने से रोका, बाद में बयान जारी कर बताई वजह
ये कदम डीजीसीए की ओर से पिछले हफ्ते एयरलाइन कंपनी इंडिगो पर 5 लाख रुपए का जुर्माना लगाने के कुछ दिनों बाद आया है। इससे पहले इंडिगो ने 7 मई, 2022 को एक दिव्यांग बच्चे को रांची-हैदराबाद फ्लाइट में चढ़ने से रोक दिया था। 7 मई की घटना के दौरान इंडिगो ने दावा किया था कि साफ तौर से बच्चा घबराया हुआ दिख रहा था और इसलिए उसे रांची-हैदराबाद उड़ान में सवार होने की परमिशन नहीं दी गई। इंडिगो ने उस समय कहा था कि एयरपोर्ट के कर्मचारी सुरक्षा दिशानिर्देशों के मुताबिक एक कठिन निर्णय लेने के लिए मजबूर थे। इंडिगो के इस व्यवहार को लेकर उसकी चौतरफा आलोचना भी हुई थी।
संशय होने पर डॉक्टर की राय ले सकेंगी एयरलाइन कंपनियां
डीजीसीए के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि ये कदम इसलिए उठाया गया है, क्योंकि इससे एयरलाइन कंपनियां उन लोगों के साथ गलत व्यवहार नहीं करेंगी, जिन्हें खास देखभाल की जरूरत होती है। इससे पहले साल 2017 में जारी किए गए नियमों के मुताबिक अगर कोई यात्री गलत व्यवहार करता है या फ्लाइट सर्विस में बाधा डालता है, तो एयरलाइंस उसे विमान से उतार सकती हैं। घटना के बाद इंडिगो के सीईओ रोनोजॉय दत्ता ने 9 मई को खेद व्यक्त किया था और विकलांग बच्चे के लिए एक इलेक्ट्रिक व्हीलचेयर खरीदने की पेशकश की थी। दत्ता ने कहा था कि एयरलाइन के कर्मचारियों ने कठिन परिस्थितियों में सर्वोत्तम संभव निर्णय लिया।