नई दिल्ली। बैंक ग्राहकों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) आए दिन कोई न कोई कदम उठाता रहता है। अब अगले महीने से देश में एक अहम नियम बदलने जा रहा है। अगले महीने से पेमेंट गेटवे, मर्चेंट, पेमेंट एग्रीगेटर और अधिग्रहण करने वाले बैंक ग्राहकों के कार्ड की जानकारी को स्टोर नहीं कर पाएंगे। इसका मतलब यह है कि ऐसे किसी भी डेटा को स्टोर करने वाले व्यवसायों और अन्य संस्थाओं को जानकारी हटानी होगी। ऐसा इसलिए क्योंकि 1 जुलाई 2022 से कार्ड लेनदेन का टोकन (Card Tokenization) शुरू हो जाएगा।
कार्ड को सुरक्षित/टोकनाइज क्यों करें?
एक सुरक्षित या टोकनाइज हुआ कार्ड सुरक्षित विकल्प है क्योंकि लेनदेन करने के लिए वास्तविक कार्ड की जानकारी व्यापारियों के साथ शेयर नहीं की जाएगी।
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कैसे करें टोकनाइज?
टोकनाइजेशन आपके कार्ड डिसक्रिप्शन को टोकन से बदलने को कहा जाता है। यह कार्ड कॉम्बिनेशन के लिए यूनिक है। हालांकि कार्ड को सुरक्षित करने के लिए टोकनाइजेशन की सलाह दी जाती है लेकिन आरबीआई के आदेश के अनुसार, कोई व्यक्ति इस सुविधा का लाभ नहीं लेने का भी विकल्प चुन सकता है। केंद्रीय बैंक ने पिछले साल डेबिट कार्ड और क्रेडिट कार्ड टोकनाइजेशन गाइडलाइंस जारी किए थे।
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