Car Bike Insurance: जल्द आपके कार-बाइक या दूसरे वाहन चलाने का तरीका, आपकी जेब पर सीधा असर डालेगा। यानी अगर आप सेफ ड्राइविंग करते हैं तो आपको इश्योरेंस (Motor Insurance) के लिए कम पैसे देने पड़ सकते हैं। लेकिन अगर आप खराब ड्राइविंग करते हैं और उसकी वजह से दुर्घटना का जोखिम बढ़ता है तो उसके लिए ज्यादा प्रीमियम चुकाना पड़ सकता है। भारतीय बीमा विनियामक और विकास प्राधिकरण (IRDAI) ने कंपनियों को तीन नए तरीके के इंश्योरेंस प्रोडक्ट लाने की मंजूरी दे दी है। जिसके जरिए वाहन चालक की ड्राइविंग के तरीके, कोई वाहन चालक वाहन को औसतन कितना चलाता है और उसके पास कितने वाहन है उसके आधार प्रीमियम तय किया जा सकेगा।
बाजार में लांच होंगे ये तीन प्रोडक्ट
IRDAI द्वारा जारी सर्कुलर के अनुसार जनरल इंश्योरेंस कंपनियां अब तीन तरह के प्रोडक्ट लांच कर सकेंगी। इसके तहत वह Pay As you Drive (जितना वाहन चलाएंगे उस आधार पर प्रीमियम), Pay How You Drive (वाहन कैसे चलाते हैं उस आधार पर प्रीमियम), Floater Policy (एक से ज्यादा कार या दूसरे वाहन पर होने प्रीमियम) के आधार पर प्रोडक्ट लांच कर सकेंगे।
Pay How you Drive में सीधी तौर पर कंपनियां ग्राहक के लिए प्रीमियम इस आधार पर तय करेंगी कि वह कैसी गाड़ी चलाता है। यानी अगर खराब ड्राइविंग करते हैं तो दुर्घटना का रिस्क बढ़ जाता है। इसी तरह गाड़ी का मेंटनेंस भी बढ़ता है। ड्राइविंग की इन तरीकों के आधार पर प्रीमियम तय होगा। यानी खराब ड्राइविंग तो ज्यादा प्रीमियम, सेफ ड्राइविंग तो कम प्रीमियम देना होगा।
Pay As You Drive में कंपनियां ग्राहक के लिए प्रीमियम इस आधार पर तय करेंगी, कि वह कितनी गाड़ी चलाता है। यानी अगर कोई व्यक्ति ज्यादा गाड़ी चलाएगा तो उसका प्रीमियम ज्यादा होगा। क्योंकि ज्यादा गाड़ी चलाने पर मेंटनेंस बढ़ने के साथ रिस्क कम होता है। वहीं कोई व्यक्ति कम गाड़ी चलाएगा तो उसे प्रीमियम भी कम देना पड़ेगा।
Floater Policy इसका फायदा उन ग्राहकों को कम प्रीमियम देने के रूप में मिल सकता हैं। जिनके पास एक से ज्यादा वाहन हैं। उन्होंने एक से ज्यादा वाहनों का इश्योरेंस कराने का फायदा मिलेगा। हालांकि यह फायदा एक ही कैटेगरी के वाहनों पर मिलेगा। मतलब एक से ज्यादा कार, या एक से ज्यादा दोपहिया या दूसरे वाहन पर मिलेगा। ऐसा नहीं होगा कि कोई एक कार और एक बाइक के आधार पर फ्लोटर पॉलिसी ले सके।
इरडा की नई पहल पर पॉलिसीबाजार डॉट कॉम मोटर इंश्योरेंस रिन्यूल्स प्रमुख अश्विनी दुबे के अनुसार कोविड के बाद के दौर में, कई ग्राहक नियमित रूप से वाहन नहीं चलाते हैं और फिर भी अपने वाहन के मॉडल के आधार पर एक तय वार्षिक प्रीमियम का भुगतान करते हैं। नए IRDAI दिशानिर्देशों से, ग्राहकों को फायदा होगा क्योंकि प्रीमियम वाहन द्वारा संचालित किलोमीटर पर आधारित होगा। यह उन ग्राहकों के लिए फायदे का सौदा है जिनके पास एक से ज्यादा कार हैं या वे ज्यादा ड्राइव नहीं करते हैं। उदाहरण के लिए, अगर व्यक्ति A अपनी कार प्रति माह 200-300 किमी चलाता है और व्यक्ति B अपनी कार 1200-1500 किमी प्रति माह चलाता है, तो उन्हें 'पे-एज़-यू-ड्राइव' मॉडल के तहत समान प्रीमियम का भुगतान नहीं करना पड़ेगा
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कैसे चलेगा पता
कोई वाहन चालक किस तरह की ड्राइविंग करता है और कितनी ड्राइविंग करता है यह कैसे पता चलेगा। इस पर बीमा इंडस्ट्री से जुड़े एक वरिष्ठ अधिकारी कहते हैं, एक तरीका तो यही है कि वाहन में लगे मीटर से पता किया जा सके कि वाहन कितना इस्तेमाल हुआ है। इसके अलावा टेलीमेट्रिक डिवाइस के जरिए इस बात का आंकलन किया जा सकेगा कि वाहन चालक ड्राइविंग कैसी करता है। यानी वह ज्यादा ब्रेक लगाता है, स्पीड उसकी कैसी रहती है और दूसरी जानकारियां पता की जा सकेगी। हालांकि इसके लिए वाहन में डिवाइस लगाना होगा और उसकी लागत कौन वहन करेगा, यह एक सवाल है। ऐसे में देखना होगा कि आने वाले समय कंपनियां किस तरह के प्रोडक्ट लाती हैं।